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Sandhya Pujan: संध्या पूजन से होता है कल्याण, संध्या पूजन की सही विधि और नियम क्या हैं? जानिए

गुड न्यूज़ टुडे के विशेष कार्यक्रम 'प्रार्थना हो स्वीकार' में एंकर गीतिका पंत ने संध्या पूजन और दीपदान की महिमा पर चर्चा की। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि 'जो व्यक्ति संध्या पूजन करता है, वह सबसे पहले सूर्य की कृपा प्राप्त करता है, जिससे उसे मान, सम्मान, आरोग्यता, धन और वैभव सब प्राप्त होता है।' संध्या वंदन दिन में तीन बार-सूर्योदय, मध्याह्न और सूर्यास्त के समय किया जा सकता है। नियमित संध्या पूजन से न केवल आध्यात्मिक और मानसिक क्षमता का विकास होता है, बल्कि शनि जैसे ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव भी दूर होते हैं। इसके साथ ही, कार्तिक मास में दीपदान के महत्व को भी रेखांकित किया गया। पद्म पुराण और अग्नि पुराण का उल्लेख करते हुए बताया गया कि दीपदान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है। कार्यक्रम में पूजन की सही विधि और सावधानियों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई।