प्रार्थना हूँ स्वीकार कार्यक्रम में शिव के प्रिय स्थानों उज्जैन, काशी और सोमनाथ की यात्रा का वर्णन किया गया है. उज्जैन में बाबा महाकाल मृत्युलोक के राजा के रूप में विराजित हैं. शास्त्रों के अनुसार, महाकाल स्वयंभू द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं. ज्योतिषी बताते हैं कि महाकाल ज्योतिर्लिंग की महिमा अपरंपार है. पुराणों में भी इस चमत्कारी ज्योतिर्लिंग का वर्णन मिलता है. कहा गया है कि "जो काल को भी अपने आप में समाहित कर लेते हैं". महाकाल के भक्तों को अकाल मृत्यु स्पर्श नहीं करती. काशी को शिव की नगरी और मोक्षदायक माना गया है. यह भगवान शिव के त्रिशूल पर स्थित है. काशी में मरने वाले को मोक्ष प्राप्त होता है. सोमनाथ भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला है. मान्यता है कि चंद्रदेव को श्राप से मुक्ति यहीं मिली थी. सोमनाथ के दर्शन से श्राप और पीड़ा से मुक्ति मिलती है. सावन माह में इन धामों के दर्शन और पूजन का फल कई गुना बढ़ जाता है.