Childbirth and Astrology: कुंडली का पांचवां, नवां और ग्यारहवां भाव संतान से संबंध रखता है. सप्तम भाव भी गर्भ का भाव है. इन भावों की स्थिति ख़राब होने पर संतान होने में समस्या आ जाती है. बृहस्पति संतान कारक होता है. इन तमाम चीजों को देखकर ही संतान के बारे में जान सकते हैं. संतान के लिए पति पत्नी दोनों की कुंडली देखना आवश्यक है. भगवान कृष्ण की उपासना संतान प्राप्ति के लिए अचूक मानी जाती है.
In this episode of Prarthna Ho Swikaar, we explain which planets influence the birth of a child and much more about it.