जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन विधि-विधान से व्रत और पूजा करने से सभी पापों का अंत होता है. कान्हा का जन्मोत्सव भक्तों के लिए एक बड़ा उत्सव है. इस बार अष्टमी तिथि 15 अगस्त को रात्रि 11:49 पर आरंभ हुई और इसका समापन 16 अगस्त यानी आज रात 9:34 पर होगा. श्री कृष्ण की पूजा का समय मध्य रात्रि 12:03 से 12:46 तक है. ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि शुभ मुहूर्त में श्री कृष्ण की विधिवत पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. संतान प्राप्ति के लिए "देवकी सुद गोविंद वासुदेव जगत के देह में इतना नहीं हम कृष्णम हम शरण हम गथा" मंत्र का जाप करने से धार्मिक संतान की प्राप्ति होती है. स्वास्थ्य समस्याओं के निवारण, विवाह, विद्या, शिक्षा, आर्थिक समस्याओं और रोजगार में सफलता के लिए भी विशेष उपाय बताए गए हैं. भगवान कृष्ण को पंचामृत से अभिषेक करने, सुगंधित जल अर्पित करने, पीले या गुलाबी वस्त्र चढ़ाने और विभिन्न मंत्रों का जाप करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं.