आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत रखने की परंपरा है. इसे जितिया व्रत भी कहा जाता है. बिना आहार और निर्जल रहकर माताएं अपनी संतान की दीर्घायु, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए इस दिन व्रत को रखती हैं. ये पर्व तीन दिन तक मनाया जाता है. सप्तमी तिथि को नहाय-खाय के बाद अष्टमी तिथि को महिलाएं बच्चों की समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और इसके बाद नवमी तिथि को भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर उनके मंत्रों का जाप किया जाता है.
In this episode of Prarthna Ho Swikaar, we explain the significance and much more about Jitiya Vrat.