कैलाश मानसरोवर की यात्रा पूरे 5 साल बाद आरंभ होने जा रही है. यह तीर्थ देवाधिदेव महादेव का ठिकाना माना जाता है, जहाँ कैलाशपति ध्यानमग्न रहते हैं; यह हिंदुओं के साथ ही बौद्ध और जैन धर्मावलंबियों के लिए भी पूजनीय है. जैन धर्म में मान्यता है कि प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ ने यहीं से मोक्ष प्राप्त किया था, जबकि बौद्ध धर्म इसे ब्रह्मांड का केंद्र बिंदु मानता है. कैलाश पर्वत समुद्र तल से 22,028 फीट ऊंचा है और इसका शिखर शिवलिंग जैसा प्रतीत होता है. इस पर्वत से कई अनसुलझे रहस्य जुड़े हैं, और ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की मर्जी के बगैर कोई व्यक्ति वहाँ नहीं जा सकता. वैज्ञानिक भी इसे धरती का केंद्र मानते हैं, और कई यात्रियों ने यहाँ समय की गति बदलने जैसा अनुभव किया है.