भीनी-भीनी सुगंध से भरा पवित्र वातावरण, हल्की - हल्की रौशनी बिखेरते दीपक, तरह-तरह के पकवानों का प्रसाद. ये सब ईश्वर की उपासना के महत्वपूर्ण अंग हैं. इसीलिए तो मंदिर में कुछ देर बैठने भर से अपार मानसिक सुख मिलता है. मन शांत सा हो जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ईश्वर के हर रूप की उपासना में इन पूजन सामग्रियों का प्रयोग क्यों होता है.