24 एकादशियों का फल देती है निर्जला एकादशी. पुण्य फलदायी निर्जला एकादशी व्रत का इतिहास पौराणिक है. इस व्रत के बारे में महर्षि वेदव्यास ने पांडवों को बताया था. इसीलिए पौराणिक मान्यता यही है कि इस एकादशी का व्रत करके साल की बाकी एकादशी के व्रत का पुण्य पाया जा सकता है. ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी कहा जाता है. भीम ने एक मात्र इसी उपवास को रक्खा था और मूर्छित हो गए थे , इसको भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन बिना जल के उपवास रहने से साल की सारी एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त हो जाता है.