ओम का उच्चारण संपूर्ण ब्रह्मांड के ज्ञान को समाहित करता है, जिसे ईश्वर के सभी रूपों का संयुक्त स्वरूप माना जाता है. यह संसार की सबसे सकारात्मक ध्वनि है, जिसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्ति निहित है. ओम की ध्वनि बिना किसी संयोग या टकराव के पूरे ब्रह्मांड में गूंजती रहती है, जिससे इसके उच्चारण से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. ज्योतिषियों और विशेषज्ञों के अनुसार, ओम सभी मंत्रों का बीज है, और हर मंत्र के पीछे या आगे ओम लगा रहता है. वैज्ञानिक शोधों से भी इसके कई लाभ सामने आए हैं, जैसे थायराइड, हृदय संबंधी ब्लॉकेज, रक्तचाप और शुगर को सामान्य करना. यह एकाग्रता बढ़ाता है, घबराहट और बेचैनी दूर करता है, तथा पाचन शक्ति को सुदृढ़ बनाता है. ओम के सही प्रयोग से वास्तु दोष दूर होते हैं और धन संबंधी समस्याएं भी समाप्त होती हैं. यह मानसिक एकाग्रता को प्रबल करता है और नींद न आने की समस्या को दूर करता है.