शनि प्रदोष व्रत एक दिव्य तिथि है जब भगवान शिव और शनिदेव की कृपा एक साथ प्राप्त होती है। इस दिन महादेव के शिष्य और परम भक्त शनिदेव की उपासना से जीवन के तमाम कष्टों से राहत मिलती है। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, शनि के अशुभ प्रभाव, जैसे साढ़े साती या ढैया, से बचने के लिए यह व्रत सबसे उत्तम है। संतान संबंधी समस्याओं और अन्य पीड़ाओं से मुक्ति पाने के लिए भी शनि प्रदोष व्रत विशेष लाभकारी माना गया है। इस दिन भगवान भोलेनाथ और शनिदेव दोनों की उपासना से असंभव को भी संभव किया जा सकता है।