श्रीमद्भागवत गीता को श्री हरि की वाणी माना गया है और यह कलयुग में सत्यता का प्रमाण है. यह एक धर्म ग्रंथ नहीं बल्कि एक जीवन शैली है, जो कर्म, ज्ञान और भक्ति योग को जगाने वाला संकलन है. गीता के उपदेशों को आत्मसात करने से जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है और समस्त शंकाओं का नाश होता है. श्रीमद्भागवत पुराण का पाठ सभी प्रकार के दुखों को दूर करने वाला और सुखों को प्रदान करने वाला होता है. शास्त्रों में गीता को वेदों से भी बढ़कर माना गया है.