सोमनाथ मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला है, जो अरब सागर के तट पर स्थित है. इसकी स्थापना सतयुग में चंद्रदेव ने की थी और इसका जिक्र ऋग्वेद से लेकर शिव महापुराण तक में मिलता है. मान्यता है कि चंद्रदेव को दक्ष प्रजापति के श्राप से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव की तपस्या यहीं करनी पड़ी थी, जिसके बाद शिव ने उन्हें दर्शन दिए और उनके रोग का निवारण किया. इसी कारण इस धाम का नाम सोमनाथ पड़ा. यह मंदिर कई आक्रमणों के बावजूद अपनी गरिमा और वैभव बनाए हुए है. यहाँ दर्शन और पूजा करने से साधक के पाप कट जाते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. "सोमनाथ बाबा हर मनुष्य का सब कष्ट दूर करता है, उनकी इच्छाएं पूरी करते हैं, धंधा रोजगार में बरकत देते हैं और उनकी सब ट्वाइस पूरी करते हैं." मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है और यह आज भी लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है.