सूर्यदेव हर महीने अपनी राशि बदलते हैं. भाद्रपद में सूर्य कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश कर रहे हैं. यह राशि परिवर्तन ज्योतिष के नज़रिए से एक महत्वपूर्ण घटना है जिसका देश और दुनिया पर प्रत्यक्ष असर होता है. इस समय सूर्य अपने पूर्ण तेज में होते हैं. सूर्य के इस राशि परिवर्तन को सूर्य की संक्रांति कहा जाता है. 17 अगस्त को सूर्य सिंह राशि में प्रवेश कर रहे हैं. इस समय शनि मंगल का संबंध भी बना हुआ है जिससे राजनैतिक रूप से बड़े सारे परिवर्तन हो सकते हैं और दुनिया में युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है. इस राशि परिवर्तन का सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव वृष, कन्या और मकर राशि पर होगा. मिथुन, तुला, वृश्चिक और मीन राशि के लिए यह परिवर्तन अनुकूल रहेगा. पौराणिक मान्यता है कि जब सूर्यदेव ने कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश किया था, तब श्रीहरि ने नरसिंहा अवतार लेकर भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी. सूर्य की सिंह संक्रांति पर गंगा स्नान, सूर्य को अर्घ्य देना और दान करना शुभ फलदायी होता है. आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ जीवन के हर क्षेत्र में विजय प्राप्त करने के लिए अचूक है. "आदित्य हृदयम पोडियम सर्वशत्रु विनाशनम" यह पाठ रोग रूपी शत्रु, दारिद्रता रूपी शत्रु और भौतिक रूप से युद्ध में शत्रुओं को दूर करने में सहायक है. यह पाठ सफलता और उत्तम स्वास्थ्य का वरदान देता है.