वटवृक्ष, जिसके नीचे महात्मा बुद्ध को ज्ञान मिला और सावित्री ने सत्यवान के प्राण बचाए, उसे त्रिदेवों का वास स्थल माना जाता है; इसकी छाल में विष्णु, जड़ में ब्रह्मा और शाखाओं में शिव का वास कहा गया है। कार्यक्रम में वटवृक्ष और पीपल की पूजा विधि, उनसे मिलने वाले लाभ और उनके धार्मिक तथा वैज्ञानिक महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। एक ज्योतिषी के अनुसार, "इसके मूल में भगवान नारायण है। जड़ में जो की ऊपर है हम अपना कोई भी कोई कार्य करते है। सनातन धर्मियों का अंतिम चयन मोक्ष ही होता है। और मोक्ष भगवान नारायण में जाकर ही समाहित होता है, ऐसा माना जाता।"