धर्म ग्रंथ कहते हैं कि योगिनी एकादशी की कथा स्वयं योग योगेश्वर श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को सुनाई थी, जो पापों से मुक्ति और मोक्ष प्रदान करने वाली है। आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की यह एकादशी उपवास और पूजा पाठ से जीवन में खुशहाली का प्रवेश करा सकती है। इस दिन श्री हरि के ध्यान, भजन और कीर्तन से कल्याण होता है और जाने-अनजाने हुए पापों से छुटकारा मिलता है।