आज गुरुग्राम में भारतीय नौसेना में आईएनएस अरावली को शामिल किया गया. यह एक नौसैनिक अड्डा है जो समुद्र से सैकड़ों किलोमीटर दूर होने के बावजूद हिंद महासागर की सुरक्षा में भूमिका निभाएगा. नौसेना प्रमुख ने इसे कमीशन किया. आईएनएस अरावली का नाम अरावली पर्वत श्रृंखला पर रखा गया है और इसका आदर्श वाक्य 'सामुद्रिक सुरक्षा या सहयोगम' है. यह पारंपरिक नौसैनिक बेस की तरह जहाजों को डॉक नहीं करेगा, बल्कि एक अत्याधुनिक समन्वय केंद्र के रूप में काम करेगा. इसमें एआई आधारित सिस्टम और बिग डेटा एनालिसिस सिस्टम लगा है जो मित्र और संदिग्ध जहाजों की पहचान करेगा. एक वक्ता ने कहा, "आईएनएस अरावली के माध्यम से हम इस जिले में होने वाले और हमारे हिंद महासागर क्षेत्र में सभी समुद्री गतिविधियों होने वाली हम अच्छी तरह से नजर रख पाएंगे" यह बेस दुनिया के 25 देशों के 43 मल्टीनेशनल सेंटरों से लाइव फीड हासिल करेगा. यह समुद्री डकैती, आतंकवाद, मानव तस्करी और अवैध मछली पकड़ने जैसी गैरकानूनी गतिविधियों पर निगरानी रखेगा. हिंद महासागर व्यापार और रणनीति दोनों दृष्टियों से अहम है, जहां चीन अपना दबदबा बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. इसके अलावा, भारतीय वायुसेना को जल्द ही तेजस मार्क 1ए फाइटर जेट मिलने जा रहे हैं. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड अक्टूबर 2025 में पहले दो तेजस मार्क 1ए वायुसेना को सौंपेगा. यह 4.5 जेनरेशन का स्वदेशी मल्टी रोल लड़ाकू विमान है जो पाकिस्तान के जेएफ-17 और चीन के जे-10सी को मात देने की क्षमता रखता है.