देश धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस दौरान सरहद पर भारतीय सेना के जवान पूरी मुस्तैदी से एक्शन में हैं। जम्मू कश्मीर के सुंदरबनी सेक्टर और राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर सेना दिन-रात निगरानी कर रही है। घने जंगल, ऊंचे पहाड़ और कोहरे के बावजूद जवान अत्याधुनिक हथियारों के साथ गश्त लगा रहे हैं। घुसपैठ की आशंका के चलते सेना ने कई ऑपरेशन चलाए हैं, जिसमें ऑल टेरेन व्हीकल्स, ड्रोन और डॉग स्क्वाड का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। देश के हर इलाके में तिरंगा शान से लहरा रहा है.
जन्माष्टमी के त्यौहार को लेकर कई लोगों में उलझन थी कि इसे किस दिन मनाया जाए या व्रत किस दिन रखा जाए। कुछ लोग 15 अगस्त को सही तारीख मान रहे थे तो कुछ 17 अगस्त के पक्ष में थे। हालांकि, जानकार एकमत हैं कि उदया तिथि के हिसाब से 16 अगस्त को ही सही दिन है। भगवान कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त 16 अगस्त की रात 12:04 से लेकर 12:47 तक है। इस्कॉन के मंदिरों, मथुरा जन्मभूमि और वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में इसी दिन जन्माष्टमी मनाई जा रही है.
देश की पश्चिमी सीमा पर बीएसएफ का ऑपरेशन अलर्ट जारी है. 15 अगस्त को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल सतर्क है. पेट्रोलिंग बढा दी गई है। चप्पे चप्पे पर नजर रखी जा रही है। और घुसपैठियों को रोकने के साथ सीमा पार से आने वाले ड्रोन को भी मार गिराने की तैयारी है। देखिए पंजाब और राजस्थान से हमारी ग्राउंड रिपोर्ट
हम बात कर रहे हैं श्री कृष्णजन्मभूमि यानी मथुरा में जन्मोत्सव की। जिसकी जबरदस्त तैयारी है. ना सिर्फ भव्य सजावट की जा रही है। बल्कि इस बार सजावट में ऑपरेशन सिंदूर के पराक्रम की झलक आकर्षण का केन्द्र होगा। आज आपको विस्तार से मथुरा की साज सज्जा और दूसरी तैयारियां दिखाएंगे। बताएंगे ठाकुरजी की विशेष इंद्रधनुषी पोषाक के बारे में, जिसे 6 महीने में तैयार किया गया है। और फिर बात होगी दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में जन्मोत्सव की धूम पर। बताएंगे कि जन्मोत्सव पर कहां बनने वाला पांच हजार किलो का केक। आखिर में दही हांडी से पहले हुए महामुकाबला दिखाएंगे।
रक्षाबंधन के पावन पर्व पर देश भर में उत्साह का माहौल है। इस साल बहनों ने सीमा पर तैनात वीर जवानों और सुरक्षाकर्मियों को भी राखियां भेजी हैं। जम्मू और राजस्थान के बीएसएफ कैंपों में जवानों को राखी बांधी गई। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहली राखी है, जिससे जीत की खुशी दोगुनी हो गई है। सुकमा जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और अहमदाबाद के पुलिस थानों में भी बच्चों ने सुरक्षाकर्मियों को राखी बांधकर सम्मान जताया।
दिल्ली की सड़कों पर बेवजह हॉर्न बजाने की आदत अब एक बड़ी समस्या बन गई है. यह आदत सड़कों पर हाथापाई और झगड़ों की वजह बन रही है. पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, हॉर्न बजाना दिल्ली की सड़कों पर झगड़े की सबसे बड़ी वजह है. आपकी गाड़ी का हॉर्न सिर्फ कान ही नहीं फोड़ रहा, बल्कि दिमाग पर भी असर डाल रहा है. दिल्ली में रोडरेज के मामलों में हॉंकिंग एक नई और चिंताजनक कड़ी के रूप में सामने आई है. पिछले साल की तुलना में प्रेशर हॉर्न के चालान के मामलों में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
इस साल रक्षाबंधन की तारीख को लेकर उलझन बनी हुई है कि यह त्यौहार 8 अगस्त को मनाया जाएगा या 9 अगस्त को। जानकारों के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे से शुरू होकर 9 अगस्त को दोपहर 1:23 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, रक्षाबंधन का त्यौहार 9 अगस्त को ही मनाया जाएगा क्योंकि इस दिन भद्रकाल नहीं है। "जा तिथि उदया गया सा तिथि सकला भवेत" के वचन के अनुसार, जिस तिथि में सूर्योदय होता है, उस तिथि का संपूर्ण मान होता है.
आज के स्पेशल शो में कुदरत के कहर और पहाड़ों पर उसके प्रभाव पर बात की गई। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को बचाने के लिए सख्त हिदायत दी है। अदालत ने कहा कि अगर हालात नहीं बदले तो राज्य देश के नक्शे से गायब हो जाएगा। उत्तराखंड के उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ में बादल फटने और हिमाचल के मंडी व कुल्लू में भूस्खलन की घटनाओं ने भयावह तस्वीरें सामने लाई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बादल फटने या भूस्खलन के लिए केवल प्रकृति नहीं, बल्कि इंसानी लापरवाही जिम्मेदार है। बेलगाम निर्माण, बेहिसाब पर्यटन, पेड़ों की कटाई और नदियों पर बांध बनाने से पहाड़ों का संतुलन बिगड़ा है। कोर्ट ने कहा, 'प्रकृति हिमाचल में हो रही गतिविधियों से नाराज है।' ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं और बारिश का पैटर्न अनियमित हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जंगल बचाने, पेड़ों की कटाई रोकने, पर्यटन नियंत्रित करने और निर्माण में सावधानी बरतने के लिए कार्ययोजना मांगी है। शिमला के तारादेवी हिल्स को ग्रीन एरिया घोषित करने के सरकारी फैसले को भी कोर्ट ने सही ठहराया है।
सावन के आखिरी सोमवार को लाखों करोड़ों भक्तों ने महादेव को कुछ इस तरह प्रसन्न किया. कहा जाता है कि भोले के भक्त जो किसी वजह से सावन में महादेव की पूजा नहीं कर पाए वो अगर सावन के आखिरी सोमवार को शिवलिंग का जलाभिषेक कर ले तो उसके सारे पाप, रोग और दोष मिट जाते हैं. इस बात का पता सभी शिवभक्तों को था इसलिए सुबह से ही शिवालयों में जलाभिषेक और पूजन के लिए भक्तों की लंबी कतार लग गई. सावन के चौथे सोमवार को महादेव की पूजा का महासंयोग भी बना. सावन के आखिरी सोमवार पर ब्रह्म योग, रवि योग, इंद्र योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना. इन शुभ योगों में जलाभिषेक और दर्शन पूजन कर शिवकृपा प्राने के लिए शिवालयों में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा है.
सावन का चौथा और अंतिम सोमवार देशभर के शिवालयों में भक्तों की भीड़ के साथ मनाया गया। काशी विश्वनाथ, महाकालेश्वर और बाबा वैद्यनाथ धाम जैसे ज्योतिर्लिंगों में लाखों शिव भक्त दर्शन के लिए उमड़े। उज्जैन में महाकाल की भव्य सवारी निकाली गई, जिसमें 2,00,000 से अधिक लोग शामिल हुए और उन्हें महाकाल के चार स्वरूपों के दर्शन हुए। अमरनाथ यात्रा भले ही स्थगित हो गई है, लेकिन पवित्र छड़ी मुबारक के साथ साधु संत पवित्र गुफा की ओर बढ़ रहे हैं। छड़ी मुबारक का महत्व और अमरनाथ यात्रा से इसका संबंध विस्तार से बताया गया। एक भक्त ने कहा, 'अग्नि आकाशवायु में ऐसा लगता है की वो दर्शन दे रहे हैं और हमारी मनोकामना पूरी कर रहे हैं।' जापान में भी सावन के अंतिम सोमवार पर कांवड़ यात्रा निकाली गई, जिसमें भक्तों ने पारंपरिक परिधानों में यात्रा की। यह आयोजन प्रवासी समाज के बीच एक बड़े उत्सव का रूप ले चुका है।