इजरायल ने ईरान पर अपने हमले को ऑपरेशन राइजिंग लॉयन नाम दिया है.इसी के तहत शुक्रवार की सुबह 200 फाइटर जेट्स से ईरान के 6 ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की. इसमें 78 लोग मारे गए हैं. सैकड़ो घायल हैं लेकिन ईरान को झटका इस बात से लगा है कि मरने वालों में ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक हैं. उनके साथ टॉप फोर मिलिट्री कमांडर और 20 सैन्य अफसर मारे गए हैं. हालांकि ईरान ने पलटवार करते हुए इजरायल पर 100 से ज्यादा ड्रोन दागे लेकिन वो इजरायल तक नहीं पहुंचे देखिये ये रिपोर्ट
आज देश गमगीन है. एअर इंडिया के प्लेन से अहमदाबाद से लंदन जा रहे यात्री और क्रू मेंबर्स हादसे के शिकार हुए. विमान के टकराते ही जिस तरह आग के गोले उठे और बाद में प्लेन के टुकडे नजर आए. उसे देखते हुए मान लिया गया कि इस हादसे में कोई जिन्दा नहीं बचा, लेकिन कहते हैं ना कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोए। एक चमत्कार की तरह विश्वास कुमार रमेश सामने आए। अपने पैरों पर चलते हुए। हाथ में मोबाइल फोन लिए। यानी पूरी तरह सही सलामत। यकीन करना मुश्किल था कि ऐसे हादसे में कोई जिन्दा बच सकता है.
आज अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान क्रैश हो गया. विमान के टकराते ही जिस तरह के आग के गोले उठे, जिस इमारत से विमान टकाराया. उसकी हालत देख कर कोई यकीन ही नहीं कर सकता था कि इस हादसे में कोई जिंदा बच सकता है. लेकिन विमान की सीट नंबर 11-A पर बैठे विश्वास कुमार रमेश के साथ चमत्कार हुआ. वो जीवित हैं और खतरे से बाहर हैं. फिलहाल विश्वास कुमार रमेश का अस्पताल में इलाज चल रहा है. डॉक्टर्स आश्वस्त होना चाहते हैं कि विश्वास कुमार को अब कोई खतरा तो नहीं है. जिस वक्त विश्वास कुमार सड़क पर चलते दिख रहे थे उस वक्त उन्होंने बात भी की. बताया कि टेकऑफ के 30 सेकंड बाद तेज आवाज के साथ प्लेन क्रैश हो गया. हादसे के बाद जब वो होश में आए तो उन्होंने अपने आस-पास विमान का मलबा फैला देखा. वो खुद दूसरे यात्रियों के शवों के बीच थे.
एनएसजी यानी नेशनल सिक्योरिटी गार्ड ने अपना इंटरनेशनल सेमिनार मानेकशॉ सेंटर दिल्ली में आयोजित किया. इस दौरान एनएसजी की तरफ से मेक इन इंडिया के तहत बनाए गए ड्रोन और एंटी ड्रोन सिस्टम की प्रदर्शनी लगाई गई. गुड न्यूज टुडे की टीम ने अत्याधुनिक ड्रोन्स और एंटी ड्रोन सिस्टम को देखा समझा, देखिये ये रिपोर्ट.
लॉस एंजिलिस में अवैध अप्रवासियों पर सख्त कार्रवाई और उनकी गिरफ्तारी से लोग भड़के और उसके बाद प्रदर्शन के साथ हिंसा शुरू हो गई. ट्रंप ने पहले तो आनन फानन में नेशनल गार्ड्स तैनात किए पर इससे तस्वीर नहीं बदली और इसके बाद सेना को तैनात करने का फैसला लिया गया. अमेरिकी सेना के मरीन कमांडो जो मुश्किल मिशन में भेजे जाते हैं, उन्हें लॉस एंजिलिस भेजा गया है. करीब तीन दशक के बाद ऐसा हुआ है जब अमेरिकी सेना अपने ही शहर में हालात ठीक करने के लिए उतरी है. देखिये ये रिपोर्ट
लॉस एंजिलिस इस वक्त विरोध की आग दहक रही है. अवैध अप्रवासियों पर ट्रंप की सख्ती से नाराज मैक्सिको के लोग वहां तीन दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे और फिर ये प्रदर्शन हिंसक हो गया. शहर में सैकडों की तादाद में गाड़ियां फूंक दी गईं. जवाब में पुलिस और फिर मोर्च संभालने नेशनल गार्डस ने सख्ती दिखाई. बड़ी तादाद में लोगों को गिरफ्तार किया गया है. फिर भी प्रदर्शनकारी मास्क पहनकर सड़कों पर उतर रहे हैं ताकि वे सुरक्षा कैमरों से बच सकें. उधर ट्रंप का दावा है कि लॉस एंजिलिस को जल्दी ही अवैध अप्रवासियों के कब्जे से छुड़ा लिया जाएगा, देखिये ये रिपोर्ट
ट्रंप और मस्क की दुश्मनी और जंग के बीच नुकसान अमेरिका का हो सकता है, क्योंकि मस्क ने अपने स्पेसएक्स की सर्विस बंद करने की बात कह दी. हालांकि मस्क ने जल्दी ही अपना फैसला बदल दिया, लेकिन जिस तरह दोनों में टकराव अचानक तेज हुआ है, अमेरिका में बवाल बढ सकता है. सवाल है कि दुनिया में सीजफायर का दावा कर रहे ट्रंप मस्क से कैसे सीजफायर करेंगे आज इस पर विस्तार से बात करेंगे
अभी तक यूक्रेन पर रूस के फाइटर प्लेन और ड्रोन ताबड़तोड़ हमला कर रहे थे तबाही मचा रहे थे. मगर फिर कुछ ऐसा हुआ, जिसे देखकर पूरी दुनिया हैरत में है. कई टैंकर में रखे गए सौ से ज्यादा ड्रोन, रूस के अलग अलग इलाकों में उड़े. रूस के अहम सैन्य ठिकानों तक पहुंचे और रूस के बेहद ताकतवर माने जाने वाले लडाकू विमानों को तबाह कर दिया. रूसी सेना को देखने समझने का मौका तक नहीं मिला. यूक्रेन ने देखते ही देखते 40 बेशकीमती प्लेन उड़ा दिए. इस हमले में ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि ये सभी ड्रोन रूस में ही असेंबल किए गए और टैंकरों के जरिये अलग अलग इलाकों में सैन्य ठिकनों के करीब पहुंचाए गए और किसी को भनक नहीं हुई। देखिये ये रिपोर्ट.
शुरुआत करते हैं INS विक्रांत से, जहां आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे। अधिकारियों और नौसैनिकों से मिले। उनकी तारीफ की। और पाकिस्तान को ललकारते हुए कहा कि अगर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इंडियन नेवी एक्शन में होती, तो 1971 की तरह इस बार भी पाकिस्तान के टुकडे हो जाते। दो नहीं बल्कि चार टुकड़े। अभी तो विक्रांत ने वॉर्मअप करना ही शुरू किया था कि पाकिस्तान घुटनों पर आ गया। शांति की गुहार लगाने लगा। रक्षा मंत्री ने साफ कह दिया कि अभी सीजफायर है पर पाकिस्तान ने अगर फिर हिमाकत की तो अगली बार नेवी एक्शन में होगी। और हो सकता है एयरफोर्स नहीं बल्कि अगुवाई INS विक्रांत करे। देखिये ये रिपोर्ट