आज़ादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर, भारत अपनी 79वीं वर्षगांठ मना रहा है, जिसमें शून्य से शिखर तक की यात्रा और उपलब्धियों का जश्न मनाया जा रहा है. इस दौरान उन सैनिकों के बलिदान को याद किया गया, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च त्याग दिया. पहलगम और बिरसन घाटी में हुए हमलों के बाद, भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत 13 राफेल विमानों के साथ दुश्मन को जवाब दिया. यह कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य और स्वदेशी अभियान पर भी प्रकाश डालता है, जिसका उद्देश्य रुपये को डॉलर के मुकाबले मजबूत करना है. साथ ही, कलकत्ता और मणिपुर जैसी घटनाओं का उल्लेख करते हुए बेटियों की सुरक्षा और न्यायिक प्रक्रियाओं में देरी जैसे गंभीर मुद्दों पर भी चिंतन किया गया. इसमें सुभाष चंद्र बोस के सपनों के भारत की संकल्पना करते हुए गरीबी, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिक हिंसा जैसी चुनौतियों पर भी विचार किया गया और मातृशक्ति एवं सिख समुदाय के बलिदानों को नमन किया गया.