आज ज्येष्ठ माह का तीसरा बड़ा मंगल और शनि जयंती एक साथ मनाई जा रही है, इस अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि सहित कई शुभ योग बन रहे हैं. संजय मिश्रा के अनुसार, 'जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल मिलता है,' और शनि देव न्याय के देवता हैं, उनसे डरने की आवश्यकता नहीं है. शनि साढ़ेसाती और ढैया से बचने के लिए हनुमान जी और शिव जी की पूजा के साथ पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने जैसे उपाय बताए गए हैं. शनि के प्रभाव को कम करने के लिए सत्य और दान का महत्व बताया गया है, पीपल वृक्ष में त्रिदेवों का वास माना जाता है. भारत में मानसून समय से पहले पहुँचने से महाराष्ट्र-कर्नाटक में भारी वर्षा हुई है, जहाँ कल्याण में पिता-पुत्र गुरुनाथ और रोहन पवार ने उफनती नदी से तीन चरवाहों को बचाया; जैसा कहा गया, 'दोनों पिता पुत्र हैं इन्होंने वहाँ पे अपनी जान की बाजी लगा के वो तट पार करके वहाँ पे गए और वो तीनों लोगों को उन्होंने वहाँ से उठाया.' इसके अतिरिक्त, नन्हे निमिष और गिरिशा अपने ज्ञान से चकित कर रहे हैं, तथा बागेश्वर में पर्यटक हिमालय के दर्शन कर रहे हैं.