आज बुद्ध पूर्णिमा है, जिसे वैशाख पूर्णिमा भी कहते हैं. इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण हुआ था. इस बार रवि योग, भद्रवास योग और विशेषकर लक्ष्मी प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण वरियान योग बन रहे हैं. आचार्य चंद्रशु जी महाराज के अनुसार, 'खुद की खोज खुद को जानना ही ब्रह्म विद्या है,' और बुद्ध ने इसी सत्य की खोज पर बल दिया. इस बुद्ध पूर्णिमा पर कई वर्षों बाद विशेष ग्रह योग बन रहे हैं, जिनमें बुधादित्य योग प्रमुख है. ज्योतिषियों के अनुसार यह भगवान विष्णु के नौवें अवतार का दिन है और जीवन में शांति व उन्नति का मार्ग दिखाता है. जीवन की नश्वरता पर एक वक्ता ने कहा, 'देखो यह जीवन और मृत्यु निश्चित होता है और जो आया है उसको जाना ही पड़ेगा.' आज विशेष पूजा, मंत्र जाप, दान और चंद्र देव को अर्घ्य देने का महत्व बताया गया है. पूर्णिमा पर चंद्रमा मन, मनोबल और मानसिकता का कारक होता है. चंद्रमा की आराधना ताप नष्ट करती है. विभिन्न राशियों के जातकों के लिए चिंता, आर्थिक समस्या, और स्वास्थ्य बाधाओं से मुक्ति के उपाय बताए गए हैं, जिनमें मंत्र जाप, दान और विशिष्ट पूजा विधियां शामिल हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि उपायों को जानना ही काफी नहीं, उन्हें करने से ही लाभ मिलता है, जैसे 'केवल दवाई का नाम जानने से कभी बुखार नहीं जाती है. दवाई को खाना पड़ता है'