केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बच्चों में बढ़ते मोटापे और टाइप 2 डायबिटीज के मद्देनज़र स्कूलों में 'शुगर बोर्ड' स्थापित करने के निर्देश दिए हैं, जिसका उद्देश्य चीनी की खपत की निगरानी और बच्चों को जागरूक करना है. डॉ. विवेक गोस्वामी के अनुसार, 'पहले 2 साल में बच्चों के भोजन में कोई अतिरिक्त चीनी नहीं होनी चाहिए.' स्कूलों को 15 जुलाई तक इस संबंध में रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है, जिसमें कैंटीन और लंच बॉक्स में भोजन की चीनी की मात्रा पर नज़र रखना शामिल है. सीबीएसई ने स्कूली बच्चों के खानपान में चीनी और जंक फूड को नियंत्रित करने हेतु दिशानिर्देश जारी किए हैं. चर्चा में विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे अत्यधिक चीनी बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास पर असर डाल सकती है. एक वक्ता ने कहा, 'मैं इसमें चाहूंगी की कहीं हमारे साथ एफएससीआई जैसी कंट्रोलिंग बॉडीज जो है, वो हमारे साथ बीच में आकर उसको एक मिशन बनाएं ताकि हम इस चीज़ को साल छह महीने में कहीं खत्म कर सके.'