विजयदशमी के अवसर पर देशभर में रावण दहन के दौरान कई स्थानों पर अप्रत्याशित बाधाएं सामने आईं. राजधानी दिल्ली में बारिश के कारण रावण का पुतला पूरी तरह नहीं जल पाया, वहीं राजस्थान के कोटा में 233 फीट के पुतले में तकनीकी खामी देखी गई. संभल में भी बारिश से भीगा रावण अधूरा ही धराशायी हुआ. इन घटनाओं ने शुभ-अशुभ संकेतों को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है. ज्योतिष आचार्यों के अनुसार, पुतले का पूरी तरह न जलना एक अशुभ संकेत माना जा रहा है, जो देश और समाज के लिए अच्छा नहीं है.