नवरात्र के चौथे दिन माँ कूष्मांडा की आराधना का विशेष महत्व है. इस वर्ष तृतीय तिथि दो दिन होने के कारण माँ कूष्मांडा की पूजा नवरात्र के पाँचवें दिन की जाएगी. माँ कूष्मांडा सूर्यलोक में निवास करती हैं और अपने तेज से ब्रह्मांड को आलोकित करती हैं. विधि-विधान से इनकी पूजा करने पर भक्तों को आयुष, बल, आरोग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है, साथ ही रोग व बाधाओं का नाश होता है.