आज नागपंचमी(Nag Panchami) का पावन पर्व है और जब-जब भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं, तब-तब हम महादेव(Mahadev) के गले में हार की तरह सजे नागदेव(Nag Devta) का भी ध्यान करते हैं. शिव और उनके गले में नाग, शक्ति और धैर्य को दर्शाता है. तो आज इन्हीं नागदेव की पूजा का विशेष दिन है. ये नागपंचमी का पर्व काल सर्प योग दोष और राहु-केतु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए विशेष पूजा का भी दिन है. मगर ध्यान रहे नाग और उनकी पूजा से जुड़े कुछ बातें हमें पता होनी चाहिए. जैसे कहा जाता है कि आज नागदेव को दूध पिलाया जाता है. जबकि नागदेव की मूर्ति पर दूध अर्पित करने का विधान है. इसी तरह कालसर्प दोष में राहु-केतु का जिक्र होता है. जो सांप की तरह ग्रहों को घेर लेते हैं. मगर नागपंचमी पर नाग देवता के जप से ये बाधां दूर की जा सकती है. तो आज जानेंगे नागदेव की महिमा और कैसे नाग देवता की पूजा से काल सर्प दोष की बाधा दूर होगी. साथ ही समझने की कोशिश करेंगे. सावन, शिव और नागपंचमी का विधान. हम पंडितों और ज्योतिषाचार्यों से इस पर्व पर बात करेंगे.