भारत के शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में ऐतिहासिक उड़ान भरी है. वे राकेश शर्मा के 41 साल बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय और अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. उन्होंने स्पेस से संदेश भेजा, 'कंधे पर तिरंगा है, दिल में जय हिंदुस्तान', जो भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है. यह मिशन वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन पर केंद्रित है, और इसरो के गगनयान मिशन तथा भविष्य के भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन पर अंतरिक्ष में हैं. यह मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण अनुभव प्रदान करेगा. अंतरिक्ष में हड्डियों और मांसपेशियों के क्षरण को रोकने के लिए विशेष आहार और योग का महत्व बताया गया है. शुभांशु अपने साथ आमरस, गाजर और मूंग दाल का हलवा ले गए हैं, जो प्रोटीन, वसा और विटामिन ए जैसे पोषक तत्वों से भरपूर हैं. यह मिशन 14 दिनों तक चलेगा और इसमें कई वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे. अंतरिक्ष यात्रियों को गहन प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें अंडरवाटर और गुरुत्वाकर्षण प्रशिक्षण शामिल है. शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में सात प्रयोग कर रहे हैं, जिनमें टोडीग्रिड्स और साइनोबैक्टीरिया पर शोध शामिल है, जो भविष्य के अंतरिक्ष भोजन और ऑक्सीजन रीसाइक्लिंग के लिए महत्वपूर्ण हैं. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग, पोषण और तनाव प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है.