शारदीय नवरात्र 2024 का पर्व 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक मनाया जाएगा, जो लगभग 9 साल बाद 10 दिनों का संयोग लेकर आया है. इस बार माता हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, जिसे शुभ संकेत माना जाता है. नवरात्र के दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग 26 और 29 सितंबर को, रवि योग 24, 26, 27 और 29 सितंबर को, दिपुष्कर योग 23 सितंबर को, गजकेसरी योग और बुद्धादित्य योग भी बन रहे हैं. सूर्य ग्रहण नवरात्र से ठीक पहले पड़ेगा, जिसका प्रभाव भारत में नहीं होगा. कलश स्थापना की विधि, माँ के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागोरी और सिद्धिदात्री की पूजा विधि, विशेष भोग और रंगों की जानकारी दी गई है.