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पितृपक्ष के दौरान क्या करें और क्या न करें, पितृदोष निवारण के क्या हैं उपाय, इस दौरान किन-किन को होगा लाभ? ज्योतिषचार्यों से जानिए सबकुछ

पितृपक्ष की शुरुआत चंद्रग्रहण के साथ हुई है और इसका समापन 21 सितंबर को सूर्यग्रहण पर होगा. इस दौरान श्राद्ध और तर्पण का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. पितरों के प्रति श्रद्धा भाव से किए गए कर्मों से पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है. इस पितृपक्ष में सर्वार्थसिद्धि योग और गजकेसरी योग जैसे दुर्लभ योग बन रहे हैं. मंगल, बुध, सूर्य और शुक्र जैसे चार प्रमुख ग्रह भी अपनी राशि बदल रहे हैं, जिससे कई राशियों को लाभ मिलने की संभावना है.