एम्स की स्टडी में दिल्ली के स्कूली बच्चों में पेट का मोटापा, बीपी और मोटापा तेज़ी से बढ़ने की बात सामने आई है, खासकर निजी स्कूलों में यह दर सरकारी स्कूलों से पांच गुना ज़्यादा है. प्रधानमंत्री की अपील के बाद FSSAI ने 'ईट राइट इंडिया' अभियान के तहत तेल-चीनी की खपत घटाने और 100% फ्रूट जूस का दावा हटाने के निर्देश जारी किए हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, 'अगर हमने अभी प्रिवेंट नहीं किया अगले 5-10 सालों में हम ये डिसीसेस बहुत ज्यादा देखेंगे.' भारत में बच्चों में मोटापा चिंताजनक स्तर पर बढ़ रहा है, जिसका मुख्य कारण अस्वास्थ्यकर भोजन, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ और शारीरिक गतिविधियों की कमी है. एक वक्ता ने कहा, 'ओबेसिटी को अब मेडिकल हम एक डिजीज कहते हैं.' यह न केवल हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ाता है, बल्कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार को भी प्रभावित कर रहा है. भारत में मोटापा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभर रहा है, विशेषकर बच्चों में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं; विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि वर्तमान दर जारी रही तो 2050 तक देश की एक तिहाई आबादी इसकी चपेट में आ सकती है. चर्चा में शामिल विशेषज्ञों ने जीवनशैली में बदलाव, संतुलित आहार, शारीरिक गतिविधियों की महत्ता को रेखांकित किया और स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा तथा खेलकूद को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया. एक विशेषज्ञ ने महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा, 'जब तक हम हेल्त को इन्सेंटिव नहीं करे, जब तक हम स्पोर्ट्स को एक करिकुलम ना बनाएं, स्पोर्ट्स को आप मार्क्स दीजिए, ज्यादा बच्चे खेलेंगे.'