चंडीगढ़ की 17 साल की जान्हवी जिंदल 11 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर भारत की सबसे बड़ी महिला रिकॉर्ड होल्डर बन गईं. खास बात ये सारी उपलब्धि बिना किसी कोच, स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर और किसी तरह की आर्थिक सुविधा के हासिल की है.
जान्हवी ने अपने स्केटिंग करियर की शुरुआत किसी स्पोर्ट्स क्लब या प्रोफेशनल ट्रेनिंग से नहीं की. उन्होंने खुद यूट्यूब देख-देखकर स्टंट सीखे. सेक्टर-22 चंडीगढ़ की मार्केट, घर की सीढ़ियां और आसपास के फुटपाथ ही उनके असली ट्रेनिंग ग्राउंड थे. फॉर्मल कोचिंग नहीं मिली तो उनके पिता ने ऑनलाइन वीडियोज देखकर स्किल्स समझीं और शाम को ऑफिस से लौटकर बेटी को गाइड करते थे.
जान्हवी की सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि वे अब भारत की दूसरी सबसे ज्यादा गिनीज़ रिकॉर्ड होल्डर स्पोर्ट्सपर्सन हैं. पहले नंबर पर हैं क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, जिनके नाम 19 रिकॉर्ड हैं. यानी 17 साल की उम्र में जान्हवी ने वो जगह हासिल कर ली है जहां पहुंचना दुनिया भर के एथलीटों का सपना होता है.
जान्हवी के सारे रिकॉर्ड 16 साल की उम्र के बाद बनाए गए हैं, क्योंकि इससे पहले उनके कैटेगरी को रिस्की माना गया था. जान्हवी ने अब तक कुल 21 रिकॉर्ड बनाए हैं 11 गिनीज, 8 इंडिया बुक, 1 एशिया बुक और 1 वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स.
इससे पहले महाराष्ट्र के आर्यन शुक्ला 6 गिनीज़ रिकॉर्ड के साथ भारत के सबसे ज्यादा रिकॉर्ड बनाने वाले अंडर-18 एथलीट थे, लेकिन जान्हवी ने सिर्फ दो साल में उनसे भी आगे निकलकर इतिहास रच दिया. खास बात ये है कि जान्हवी सिर्फ रिकॉर्ड ही नहीं बनातीं, बल्कि नई चीजें भी क्रिएट करती हैं. उन्होंने ‘भांगड़ा ऑन स्केट्स’ और ‘योगा ऑन स्केट्स’ की शुरुआत की है. ये दोनों फॉर्म भारत में पहली बार उन्होंने ही किए. यानी जान्हवी सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति को खेल के साथ जोड़ने वाली नई पीढ़ी की चेहरे भी हैं.
स्पोर्ट्स में इतनी बड़ी उपलब्धियों के बावजूद उन्होंने पढ़ाई से समझौता नहीं किया. जान्हवी एक सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं और हमेशा अच्छे अंक लाती हैं. उनके परिवार का कहना है कि वे साबित करना चाहती थीं, सरकारी स्कूल किसी भी तरह निजी स्कूल से कम नहीं.'
इनपुट- अमन भारद्वाज