
इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान शुभमन गिल ने बतौर कप्तान अपने पहले ही दौरे पर कई कीर्तिमान रच दिए. गिल ने पांच मैचों में 754 रन बनाकर भारत-इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया. उन्होंने ग्राहम गूच का 1990 का यह रिकॉर्ड तोड़ते हुए प्लेयर ऑफ़ दी टूर्नामेंट का खिताब भी हासिल किया. लेकिन गिल के लिए इस दौरे की यादें सिर्फ उनकी बल्लेबाजी तक सीमित नहीं.
गिल की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज 2-2 से बराबर की. यानी गिल ने अपने पहले ही दौरे पर खुद को एक बेहतरीन कप्तान साबित किया. सोचकर हैरानी होती है कि 25 साल के इस प्रतिभाशाली बल्लेबाज और कप्तान का सफर एक खेत में क्रिकेट खेलते हुए शुरू हुआ था. आइए जानते हैं शुभमन गिल के करियर से जुड़ी कुछ अहम और दिलचस्प बातें.
तेंदुलकर से ली प्रेरणा
गिल का जन्म आठ सितंबर 1999 को पंजाब के फाजिल्का गांव में हुआ. वह बचपन में सचिन तेंदुलकर की बैटिंग को टीवी पर बारीकी से देखते थे. जब उनकी उम्र महज़ तीन साल थी तब सचिन की बल्लेबाजी देख उन्हें क्रिकेट से प्रेम हो गया. वह क्रिकेट से इतना प्रेम करते कि सोते हुए अपने साथ एक क्रिकेट बैट लेकर सोते. सचिन से उनका यह कनेक्शन उन्हें छोटी उम्र में ही बड़े कीर्तिमानों की ओर ले आया.
सचिन ने जब 16 नवंबर 2013 को करीब 24 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद संन्यास का ऐलान किया, तब तक गिल सचिन की बैटिंग की बारीकियों को अपने अंदर आत्मसात कर चूके थे. इसका अद्भुत असर यह हुआ कि सचिन के रिटायरमेंट के कुछ ही महीनों बाद साल 2014 में पंजाब इंटर डिस्ट्रिक्ट अंडर 16 टूर्नामेंट में गिल ने एक ही पारी में 351 रन बना डाले और निर्मल सिंह के साथ मिलकर 587 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की.
जब गिल ने निर्मल सिंह के साथ मिलकर 587 रनों की साझेदारी की उस समय उनकी उम्र 14 साल थी. कमाल की बात है कि 14 साल की उम्र में ही तेन्दुलकर ने सेंट जेवियर्स स्कूल के खिलाफ़ एक मैच में विनोद कांबली के साथ मिलकर 664 रनों की साझेदारी की थी. तब तेन्दुलकर के बल्ले से 326 रन निकले थे. यानी गिल ने छोटी उम्र में ही साफ कर दिया था कि वह अपने गुरू तेंदुलकर के नक्श-ए-कदम पर निकल चुके हैं.
खेत में हुई शुरुआत, आउट करने पर था इनाम का ऐलान
शुभमन गिल पंजाब के फाजिल्का के जिस चक खेलेवाला गांव में पैदा हुए थे वहां क्रिकेट को लेकर कोई माहौल नहीं था. लेकिन गिल के कृषक पिता लखविंदर सिंह अपने बेटे की नन्ही उम्र में ही क्रिकेट के प्रति बेहिसाब दीवानगी देखकर हैरान थे. यही वजह है कि उन्होंने अपनी खेती की जमीन के एक बड़े हिस्से को समतल कर टर्फ पिच बनवाई. सिर्फ यही नहीं, उन्होंने ऐलान कर दिया कि जो उनके बेटे को आउट करेगा उसे 100 रुपए इनाम मिलेगा.
इसका असर यह हुआ कि लखविंदर सिंह के खेतों में काम करने वाले मज़दूर जी-जान लगाकर गिल को गेंदबाज़ी करते. उधर, गिल अपने पिता के पैसे बचाने के लिए एकाग्रता के साथ बैटिंग करते और आउट नहीं होते.
क्रिकेट के लिए शिफ्ट हो गए थे मोहाली
क्रिकेट के प्रति बेटे का जुनून देख कर सुखविंदर सिंह ने खेतीबाड़ी और अपना गांव भी छोड़ दिया. जब गिल आठ साल के हुए तो वह बेटे को लेकर मोहाली शिफ्ट हो गए. मोहाली में उन्होंने पंजाब क्रिकेट असोसिएशन आई एस बिंद्रा स्टेडियम के पास एक मकान किराये पर ले लिया और गिल को पास की ही एक क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिलवा दिया.
सुनकर यकीन करना मुश्किल है लेकिन गिल आठ साल की उम्र में अपने पिता के साथ 3:30 बजे सुबह ही उठ जाते थे और तैयार होकर सुबह 4:00 बजे तक अकादमी पहुंच जाते थे. आठ साल के शुभमन दिन भर प्रैक्टिस करते और शाम को खड़े होकर सीनियर प्लेयर्स के सेशन देखते थे. शुभमन की इस बेहिसाब लगन और मेहनत का असर यह हुआ कि 27 नवंबर 2017 को पंजाब की रणजी टीम के सदस्य के रूप में उनका फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पदार्पण हो गया.
अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में है जलवा
अपने पहले ही फर्स्ट क्लास मैच में अर्धशतक और दूसरे मैच में बंगाल के खिलाफ़ 129 रन बनाकर शुभमन ने सेलेक्टर्स के दिमाग में अपनी दमदार दस्तक करार दी. इसी तरह उन्होंने अंडर-19 भारतीय क्रिकेट टीम में डेब्यू किया और इंग्लैंड के खिलाफ़ लगातार दो शानदार शतक बनाकर अपने मजबूत मुस्तकबिल की मुनादी कर दी.
गिल ने 2019 में महज़ 19 साल की उम्र ही भारत के लिए डेब्यू कर लिया और अब तीनों फॉर्मैट में उनका प्रदर्शन शानदार है. गिल ने टेस्ट, वनडे और टी20 में सेंचुरी लगाकर भारतीय क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों के क्लब में जगह बनाई है. उन्होंने वनडे में सबसे कम उम्र में दोहरा शतक लगाया और 38 मैचों में 2000 रन पूरे कर हाशिम अमला का रिकॉर्ड भी तोड़ा है.
गिल ने बतौर कप्तान एक टेस्ट सीरीज में 754 रन बनाए, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा हैं. उन्होंने सुनील गावस्कर का 732 रनों का रिकॉर्ड तोड़ा और अब वह सिर्फ डॉन ब्रैडमैन (810 रन) से पीछे हैं. गिल ने अपनी मेहनत, संघर्ष और समर्पण से भारतीय क्रिकेट को एक नया सितारा दिया है. उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी ने टीम इंडिया के बुलंद भविष्य की नींव रख दी है.