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Happy Birthday Jhulan Goswami : क्रिकेट का जुनून इतना की रोजाना करती थीं 80 किमी का सफर... अब तक सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड

भारत की गेंदबाज झूलन गोस्वामी आज 39 साल की हो गई हैं. उन्होंने 2002 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था और अभी भी मजबूत से खेल रही हैं. T20I को छोड़ने के बाद, उनका ध्यान अगले साल के महिला विश्व कप पर है.

आज अपना 39वां जन्मदिन मना रहीं झूलन गोस्वामी. आज अपना 39वां जन्मदिन मना रहीं झूलन गोस्वामी.
हाइलाइट्स
  • आज 39 साल की हुईं झूलन गोस्वामी

  • 15 साल से क्रिकेटर बनना चाहती थी झूलन

टीम इंडिया की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami ) आज अपना 39वां जन्मदिन मना रही हैं. पश्चिम बंगाल के नादिया में जन्मी झूलन के नाम क्रिकेट की कई बड़ी उपलब्धियां हैं. यह खिलाड़ी भारत के लिए सभी फॉर्मेट टेस्ट, वन डे, इंटरनेशनल और 20-20 खेलती हैं.  झूलन दुनिया की सबसे ज्यादा विकेट (196) लेने वाली वनडे गेंदबाज हैं. 

एक दौर में दुनिया की फास्ट बोलरों में अपना शुमार कर चुकी झूलन के लिए क्रिकेटर बनना बहुत आसान नहीं था. जब झूलन क्रिकेटर बनना चाहती थीं, तब हमारे देश में महिला क्रिकेट की कोई खास पहचान नहीं थी. उनके माता-पिता बिल्कुल नहीं चाहते थे कि वह क्रिकेटर बनें लेकिन, उनके अंदर खेल को लेकर इतना जुनून था कि वह रोजाना 80 किलोमीटर का सफर तय कर इसकी बारीकियां सीखने जाती थीं. 

सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड 

झूलन रोज सुबह 4 बजे की लोकल ट्रेन पकड़कर ट्रेनिंग के लिए कोलकाता आती थीं. ऐसे में उनके मां-बाप की चाहत थी कि उनकी बेटी भी बाकि लड़कियों की तरह सिर्फ पढ़ाई पर ही अपना ध्यान दे लेकिन, झूलन हमेशा से ही क्रिकेटर बनना चाहती थीं और उन्होंने काफी मेहनत के बाद यह करके भी दिखाया. आज भी महिला वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड झूलन के नाम है.

लड़कों के तानों ने उकसाया

पश्चिम बंगाल के नदिया से सफर शुरू कर इस मुकाम में पहुंचने वाली झूलन आसपास के लड़कों के साथ टेनिस बॉल से ​क्रिकेट खेलती थीं. झूलन जब गेंद फेंकती तो स्पीड बहुत कम होती थी तो लड़के उनका मजाक उड़ाते और उन्हें सिर्फ बल्लेबाजी करने का ताना मारते थे. उन्होंने तब से लड़कों के साथ बराबरी करने की ठानी और यहीं से उनका क्रिकेट को लेकर प्यार और ज्यादा बढ़ता गया. 

15 साल से क्रिकेटर बनना चाहती थी झूलन

झूलन गोस्वामी जब 15 साल की थीं तब क्रिकेटर बनने का ख्वाब देखती थीं. उस वक्त तक वह तय कर चुकी थीं कि वह गेंदबाज बनेंगी और उनकी तेज रफ्तार गेंदबाजी ने डॉमेस्टिक क्रिकेट के सेलेक्टर्स का ध्यान अपनी ओर खींच लिया था. 1997 के महिला विश्वकप ने उनका टीम इंडिया के लिए खेलने का जूनून बढ़ा दिया. डॉमेस्टिक क्रिकेट में तेज गेंदबाजी से तहलका मचाने वाली झूलन को पहली बार वुमेंस नेशनल टीम में इंग्लैंड के खिलाफ जनवरी 2002 में वनडे सीरीज में मौका दिया गया. 

झूलन के नाम सबसे तेज गेंदबाज का खिताब 

भारत की सबसे तेज गेंदबाज का खिताब झूलन गोस्वामी के नाम है. झूलन ने 122 किमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की है. विश्व में सबसे तेज गेंदबाजी करने का रिकॉर्ड आस्ट्रेलिया की पूर्व क्रिकेटर कैथरीन फिजपैट्रिक के नाम है। कैथरीन सबसे तेज 125 किमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाली पहली म​हिला गेंदबाज हैं। झूलन गोस्वामी विश्व की दूसरी सबसे तेज गेंदबाज मानी जाती हैं. 

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