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एक समय आलीशान जिंदगी जीने वाले विनोद कांबली आज खोज रहे हैं काम, जानिए उनकी कामयाबी से गुरबत की कहानी

एक समय में भारतीय क्रिकेट टीम के धुरंधर बल्लेबाज विनोट कांबली इन दिनों काफी परेशान चल रहे हैं. दरअसल कांबली इन दिनों काम की तलाश में हैं.

विनोद कांबली विनोद कांबली
हाइलाइट्स
  • डेब्यू में मारा था दोहरा शतक

  • शराब की लत बनी रोड़ा

भारतीय क्रिकेट में भारत में काफी ज्यादा ग्लैमर के साथ जोड़ा जाता रहा है. क्रिकेट से जुड़ी ज्यादातर कहानियां आपको जोश और जज्बे से भर देंगी लेकिन कुछ कहानियां ऐसी भी हैं, जिन्हें सुनकर आप शायद मायूस हो जाएंगे. कुछ ऐसी ही कहानी है विनोद कांबली की. एक समय के धुरंधर बल्लेबाज विनोद कांबली आज नौकरी की तलाश कर रहे हैं. सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली की दोस्ती से दुनिया वाकिफ है. लेकिन सचिन के बचपन का ये दोस्त इस वक्त अपने घर खर्च के लिए संघर्ष कर रहा है.

डेब्यू में मारा था दोहरा शतक
भारतीय क्रिकेट में शानदार आगाज के साथ कांबली एक वक्त पर टीम इंडिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में गिने जाते थे. 30 साल पहले जब कांबली ने अपने करियर की शुरुआत की थी तो तो अपने करियर के पहले 7 टेस्ट में ही उन्होंने 113.29 की औसत से 793 रन बनाए थे. साल 1993 में उन्होंने दो दोहरे शतक (224 और 227) बनाए थे, जबकि इसी साल उन्होंने टीम इंडिया में अपना डेब्यू किया था. 

क्यों गेम से बाहर हो गए कांबली
कांबली ने टीम इंडिया में शानदार एंट्री की थी, पर धीरे-धीरे उन्होंने अपनी फिटनेस पर ध्यान देना छोड़ दिया था. बदलते दौर के क्रिकेट में कांबली की फिटनेस गिरती गई, जिसकी वजह से उन्हें टीम इंडिया से बाहर का रास्ता देखना पड़ा. अपनी फॉर्म गिरने के बावजूद उन्होंने रणजी मुकाबले खेलना छोड़ दिया. वो किसी भी घरेलू मुकाबले में भाग नहीं लेते थे, जिससे वो अपनी फॉर्म खोते ही चले गए.

शराब की लत बनी रोड़ा
कांबली के सामने उनका शानदार करियर था, लेकिन कांबली को जल्द ही शराब की लत ने बुरी तरह जकड़ लिया. सचिन और द्रविड़ जैसे उनके साथी अपने खेल पर ध्यान देते रहे, लेकिन कांबली बुरी आदतों का शिकार हो चुके थे. जिसकी वजह से उन्हें जल्द ही टीम इंडिया से बाहर का रास्ता दिखा गया, और कांबली के करियर पर ब्रेक लग गया.

सबसे कम उम्र में दोहरा शतक जड़ने वाले तीसरे बल्लेबाज
विनोद कांबली आज भी टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ने वाले तीसरे सबसे युवा बल्लेबाज हैं. उन्होंने सिर्फ 21 साल 32 दिन में उम्र में ये कारनामा किया है. लेकिन इतने शानदार रिकॉर्ड्स रखने के बाद भी कांबली का करियर ज्यादा लंबा नहीं खींच पाया. उन्होंने भारत के लिए 17 टेस्ट और 104 वनडे मैच खेले. अपने 7 साल के इंटरनेशनल करियर कांबली कई बार अंदर-बाहर होते रहे. 

अब मॉडल जैसे नहीं दिखते हैं कांबली
एक समय में स्टाइलिश दाढ़ी और हेयरकट में मॉडल जैसे दिखने वाले कांबली अब काफी बदले-बदले से दिख रहे हैं. उनका अतीत जैसा भी रहा हो, पर आज कल वो काफी संघर्ष कर रहे हैं. मिड डे की एक रिपोर्ट के मुताबिक कांबली अब अपनी गोल्ड चेन, ब्रेसलेट और महंगी घड़ी पहने नहीं दिख रहे हैं यहां तक की उनके फोन की स्क्रीन भी टूटी हुई थी.

अपनी कार का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं कांबली
रिपोर्ट्स के मुताबिक कांबली अपनी कार का भी इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. उनका एक जानने वाला नदीम मेमन उन्हें ब्रांद्र पश्चिम में स्थित उनके घर से पिक कर उन्हें एमसीए-बीकेसी क्लब तक ले आता है. रिपोर्ट के मुताबिक कांबली ने बताया कि वह एमसीए से अपनी गुजर बसर के लिए कुछ काम चाहते हैं. एमसीए में क्रिकेट से जुड़ा जो भी काम हो वो करना चाहते हैं. कांबली को बीसीसीआई की तरफ से अभी केवल 30 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलती है. जिस पर गुजर-बसर करना उनके लिए काफी मुश्किल है.

सचिन की अकादमी में बने थे कोच
कुछ समय के लिए कांबली सचिन तेंदुलकर की तेंदुलकर मिडलसेक्स ग्लोबल एकेडमी में बतौर कोच भी जुड़े थे. लेकिन उन्होंने कुछ समय बाद वो नौकरी भी छोड़ दी. हालांकि कांबली ने इसपर कहा था कि वो अकादमी नेरुल में था, वहां पहुंचने के लिए उन्हें सुबह 5 बजे उठना पड़ता था और फिर कैब से नेरुल आना पड़ता था. इसके बाद शाम को भी उन्हें BKC ग्राउंड में कोचिंग के लिए आना पड़ता था, जिसमें उनको काफी मुश्किलें होती थीं. 

परिवार पालने के लिए काम मिलना जरूरी
कांबली ने खुद कहा है कि उन्हें काम की जरूरत है. उन्होंने कहा, "मैं युवाओं के साथ मिलकर काम करूं. मुझे मालूम है कि एमसीए ने अमोल (मजूमदार) को अपना हेड कोच नियुक्त किया है. लेकिन अगर मेरी कहीं भी जरूरत है, मैं तैयार हूं. हम लोग एक साथ खेले हैं और हम एक महान टीम थे. अब मैं ऐसा ही मुंबई की मौजूदा टीम से भी चाहता हूं."