
आमिर और शाहरुख ने बचपन से ही गरीबी देखी. पिता रोड पर ही मोटर मैकेनिक का काम करते हैं. घर झोपड़पट्टी जैसा है लेकिन, दोनों भाइयों को शुरुआत से ही खेलने का बहुत शौक था. दोनों ने पास के ही एक स्टेडियम जाकर हॉकी खेलना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे दोनों की प्रतिभा देखी और बड़े बेटे आमिर का चयन साईं सेंटर लखनऊ में हो गया, जबकि छोटा बेटा शाहरुख एकेडमी में ही खेलता रहा.
नेशनल कॉलेज के सामने फुटपाथ पर स्कूटर-मोपेड ठीक करने की दुकान चालने वाले तसव्वुर के छोटे बेटे शाहरुख ने गोवा में हुई राष्ट्रीय सब जूनियर हॉकी चैंपियनशिप में शानदार मैच खेला. उसने उत्तर प्रदेश की तरफ से खेलते हुए हैट्रिक मारी और उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय चैंपियन बना दिया और खुद पूरे चैंपियनशिप में स्टार खिलाड़ी बन गए.
आमिर के गोल से फाइनल में पहुंची यूपी की टीम
बड़ा बेटा आमिर अली इस समय राज्य की टीम से तमिलनाडु में हो रही राष्ट्रीय जूनियर हॉकी चैंपियनशिप में खेल रहा है. लीग मैच क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में आमिर खान ने कई गोल मारे उत्तर प्रदेश को फाइनल में पहुंचाने में सबसे बड़ी भूमिका आमिर अली की रही.
आमिर और शाहरुख के पिता तास्सुर अली ने बताया कि बेटे को देखकर आंखों में खुशी होती है. जब कभी समय मिलता है तो वह उनके साथ मोटर मैकेनिक के काम में भी हाथ बढ़ाता है लेकिन, आज देश के लिए खेल रहा है और आगे बढ़ रहा है.
वहीं, आमिर-शाहरुख की मां ने बताया कि अपनों दोनों बेटों को देखकर बेहद खुशी होती है. उन्होंने कहा कि वह लोग गरीबी में रहते हैं. उन लोगों के पास पक्का मकान तक नहीं है. शाहरुख ने कहा कि वह एक दिन देश के लिए खेलना चाहते हैं.
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