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ICC Hall of Fame: MS Dhoni हुए ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल... क्या होती है इसकी प्रक्रिया, किस आधार पर होता है चयन, जानिए सब कुछ

आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम की शुरुआत दो जनवरी 2009 को हुई थी. तब से इसमें 121 खिलाड़ियों को शामिल किया गया है. आईसीसी हॉल ऑफ फेम में खिलाड़ियों को शामिल करने की प्रक्रिया क्या है, आइए जानते हैं.

धोनी सहित सात खिलाड़ियों को हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है. धोनी सहित सात खिलाड़ियों को हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है.

अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (International Cricket Council) ने पूर्व भारतीय कप्तान और विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी को आईसीसी हॉल ऑफ फेम (ICC Hall of Fame) में शामिल करने का फैसला किया है. आईसीसी ने हाशिम आमला, ग्रेम स्मिथ, मैथ्यू हेडेन, सना मीर, सारा टेलर और डेनियल वेटोरी जैसे दिग्गजों के साथ धोनी का नाम इस लिस्ट में शामिल किया है. 

धोनी इस लिस्ट में शामिल होने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर नहीं हैं. इससे पहले कपिल देव, सुनील गावस्कर, बिशन सिंह बेदी, अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीनू मांकड़, डायना इडुलजी, वीरेंद्र सहवाग और नीतू डेविड को भी लिस्ट में शामिल किया गया है. आइए जानते हैं कि आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में खिलाड़ियों को कैसे शामिल किया जाता है.

क्या है आईसीसी हॉल ऑफ फेम का इतिहास?
आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम की शुरुआत दो जनवरी 2009 को फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन (FICA) के सहयोग से आईसीसी के शताब्दी वर्ष समारोह के दौरान की गई थी. आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम क्रिकेट के लंबे और शानदार इतिहास के दिग्गजों की उपलब्धियों को मान्यता देता है. इसकी बुनियाद दरअसल 'फिका ' के ज़रिए ही रखी गई थी.

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फिका ने 1999 में अपने हॉल ऑफ फेम की शुरुआत की थी. यह 2003 तक रहा. इस लिस्ट में 55 खिलाड़ियों के नाम थे. जब 2009 में आईसीसी हॉल ऑफ फेम शुरू हुआ तो फिका के सभी हॉल ऑफ फेम खिलाड़ियों को इसमें शामिल कर लिया गया. इसके बाद हर साल पांच खिलाड़ियों को लिस्ट में शामिल किया जाने लगा. सिलसिले की शुरुआत 2009 में हुई जब वसीम अकरम, क्लेरी ग्रिमेट, हरबर्ट सटक्लिफ, विक्टर ट्रम्पर और स्टीव वॉ को आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया.

कैसे होता है चयन?
पूरे क्रिकेट कैलेंडर के दौरान खिलाड़ी हॉल ऑफ फेम में शामिल होते रहते हैं. आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ़ फ़ेम के जीवित सदस्य हर साल हॉल ऑफ़ फ़ेम में दिग्गजों के नए प्रवेश की चयन प्रक्रिया में शामिल होते हैं. इसके अलावा आईसीसी और फिका के अधिकारी भी इस प्रक्रिया में हिस्सा लेते हैं. हॉल ऑफ फेम में प्रवेश करने वाले खिलाड़ियों (या दिवंगत खिलाड़ियों के रिश्तेदारों) को आईसीसी एक 'क्रिकेट हॉल ऑफ़ फ़ेम' कैप देता है. 

खिलाड़ियों के चयन की कोई आधिकारिक सीमा तो नहीं है, लेकिन आमतौर पर किसी खिलाड़ी के रिटायरमेंट के पांच साल बाद ही उसे हॉल ऑफ फेम में शामिल किया जाता है. हॉल ऑफ फेम का हिस्सा बनने के लिए खिलाड़ियों के प्रदर्शन का कोई मानदंड नहीं है. यह पुरस्कार क्रिकेट पर अपनी छाप छोड़ने वाले खिलाड़ियों को इतिहास में एक जगह देने की कोशिश है. इसी तरह अब तक 121 लोगों को हॉल ऑफ फेम में शामिल किया जा चुका है.