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Farokh Engineer Stand: गावस्कर-शास्त्री नहीं, फारुख इंजीनियर के नाम पर मैनचेस्टर स्टेडियम में बनेगा स्टैंड... जानिए कैसा रहा है उनका करियर

फारुख इंजीनियर इस समय इंग्लैंड में ही रहते हैं. इस स्टैंड का आधिकारिक अनावरण बुधवार (23 जुलाई) को भारत-इंग्लैंड के बीच होने वाले चौथे टेस्ट के पहले दिन होगा.

Farokh Engineer. Farokh Engineer.

लैंकाशर क्रिकेट क्लब ने पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजीनियर के नाम पर ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में एक स्टैंड का नाम रखने का फैसला किया है. इस स्टैंड का आधिकारिक अनावरण बुधवार (23 जुलाई) को भारत-इंग्लैंड के बीच होने वाले चौथे टेस्ट के पहले दिन होगा. इंजीनियर के अलावा वेस्ट इंडीज के पूर्व कप्तान क्लिव लॉयड को भी इस सम्मान के लिए चुना गया है.

क्यों हुआ फारुख इंजीनियर का चयन
इंजीनियर को इस सम्मान के लिए चुना गया है क्योंकि उन्होंने करीब एक दशक तक काउंटी क्रिकेट में लंकाशर का प्रतिनिधित्व किया था. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इंजीनियर और लॉयड के योगदान के लिए क्लब ने उन्हें यह सम्मान देने का फैसला किया है. पीटीआई ने एक सूत्र के हवाले से कहा, "यह क्लब के दोनों दिग्गजों के लिए एक उपयुक्त सम्मान है." 

क्लब की किस्मत पलटने के लिए जिम्मेदार हैं इंजीनियर
इंजीनियर ने 1968 से 1976 के बीच 175 मैचों में लंकाशर के लिए 5942 रन बनाए, 429 कैच लिए और 35 स्टंपिंग की. जब मुंबई में जन्मे इंजीनियर ने लंकाशर के लिए डेब्यू किया था तब क्लब ने 15 साल से ज़्यादा समय तक कोई बड़ा खिताब नहीं जीता था, लेकिन उन्होंने 1970 और 1975 के बीच चार बार जिलेट कप जीतने में उनकी मदद की. इंजीनियर और लॉयड दोनों इस हफ़्ते के अंत में लंकाशायर के इतिहास में अमर हो जाएंगे. 

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कुछ साल पहले इंजीनियर ने क्लब की वेबसाइट से कहा था, "वो अविश्वसनीय समय था. ओल्ड ट्रैफर्ड एक शानदार जगह थी. लोग हमें खेलते देखने के लिए मीलों दूर से आते थे. ओल्ड ट्रैफर्ड के ड्रेसिंग रूम से हम वारविक रोड रेलवे स्टेशन देख सकते थे और मैच से पहले हम खचाखच भरी ट्रेनों को प्लेटफ़ॉर्म पर यात्रियों को उतारते हुए देखते थे. हम नारे, उत्साह से भरी बातचीत और हंसी-मज़ाक की आवाज़ें सुन सकते थे." 

ज़बरदस्त फैन फॉलोविंग रखते थे इंजीनियर
इंजीनियर को लंकाशर में अपने दिनों के दौरान कई तरह की रिक्वेस्ट भी मिलती थीं. उस वक्त इंजीनियर की एक आइकॉनिग फैन फॉलोविंग थी. इंजीनियर बताते हैं, "यह अद्भुत था. हमारे लॉकर ऑटोग्राफ और पार्टियों के निमंत्रणों से भरे रहते थे. इंग्लैंड में हर कोई उस महान टीम के बारे में बात करता था, जिसमें क्लाइव लॉयड, हैरी पिलिंग, पीटर लीवर और केन शटलवर्थ जैसे नाम शामिल थे." इंजीनियर ने रिटायरमेंट लेने के बाद मैनचेस्टर को अपना घर बना लिया और आज तक यहीं रहते हैं.