scorecardresearch

लकड़ी के भाले से शुरू की जैवलिन थ्रो की प्रैक्टिस, अब इनके नाम हैं 4 मेडल...ये कहानी है एक खिलाड़ी के जुनून की

मध्य प्रदेश के सतना के छोटे से गांव का हिमांशु अपने परिवार की खराब माली हालत के बावजूद कामयाबी की सीढ़ियां चढ रहा है. गांव के बागीचे में जैवलिन थ्रो की प्रैक्टिस कर रहे हिमांशु मिश्रा के पास भाला भले ही जुगाड़ का है, लेकिन, कोशिश में कोई कमी नहीं है. गांव में डेढ़ साल कड़ी मेहनत करके 17 साल के हिमांशु उस मुकाम तक पहुंच चुके हैं कि अब इस खेल में इनकी पहचान बन रही है. हिमांशु जैवलिन थ्रो में अब तक जूनियर नेशनल समेत अलग-अलग मुकाबलों में 3 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल अपने नाम कर चुके हैं. देखिए रिपोर्ट.

Himanshu, a young boy from the small village of Satna in Madhya Pradesh is climbing the ladder of success despite the poor financial condition of his family. Himanshu started his practice from a wooden spear and now he has 3 gold and 1 silver medal in Javelin Throw.