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Pinaka MK-3 Guided Rocket System: पिनाका एमके-3 रॉकेट सिस्टम का जल्द होगा टेस्ट, DRDO कर रहा तैयारी

डीआरडीओ जल्द ही पिनाका एमके-3 गाइडेड रॉकेट सिस्टम का परीक्षण करने वाला है. बिलकुल और पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित इस रॉकेट सिस्टम के सेना में शामिल हो जाने के बाद पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों की नींद उड़ने वाली है. पिनाका एमके-3 एशिया पैसिफ़िक क्षेत्र में गेम चेंजर साबित हो सकता है. ये रॉकेट 120 किलोमीटर की रेंज में 10 मीटर से भी कम की सटीकता के साथ दुश्मनों के ठिकाने को जमींदोज कर सकता है.

The Pinaka Rocket Launcher System  The Pinaka Rocket Launcher System

ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दुनिया ने भारत की मारक क्षमता और अभेद आत्मरक्षा प्रणाली का विराट रूप देख लिया है. लेकिन देश के रक्षा वैज्ञानिक इससे ही संतुष्ट नहीं है, हिंदुस्तान की शक्ति को और ज्यादा बढ़ाने के लिए वो दिन रात काम कर रहे हैं. डीआरडीओ जल्द ही पिनाका एमके-3 गाइडेड रॉकेट सिस्टम का परीक्षण भी करने वाला है. बिलकुल और पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित इस रॉकेट सिस्टम के सेना में शामिल हो जाने के बाद पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों की नींद उड़ने वाली है.

जल्द होगा पिनाका एमके-3 का टेस्ट-
इसी कड़ी में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने पिनाका एमके-3 नाम के एक उन्नत गाइडेड रॉकेट सिस्टम को तैयार किया है और बहुत ही जल्द इसका परीक्षण भी होने वाला है. यह रॉकेट 120 किलोमीटर की दूरी तक सटीक निशाना लगा सकता है और दुश्मन के कमांड सेंटर, बंकर और लॉजिस्टिक्स ठिकानों को पलक झपकते ही मटियामेट कर सकता है. 

आपको बता दें कि पिनाका एमके-3 एशिया पैसिफ़िक क्षेत्र में गेम चेंजर साबित हो सकता है. ये रॉकेट 120 किलोमीटर की रेंज में 10 मीटर से भी कम की सटीकता के साथ दुश्मनों के ठिकाने को जमींदोज कर सकता है. 300 मिलीमीटर के बड़े व्यास के साथ 250 किलो का वॉरहेड अपने साथ ले जा सकता है.

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मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम है पिनाका एमके-3
पिनाका एमके-3 लेजर गायरो नेविगेशन और माइक्रोस्क्रिप्ट ऐन्टेना से लैस है, जो दुश्मन को आत्मरक्षा का भी मौका नहीं देगा. आपको बता दें कि पिनाका एमके-3 एक मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम है. जिसे डीआरडीओ की पुणे स्थित आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने दूसरी प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर विकसित किया है. 

बेशक ये पिनाका सीरीज का सबसे उन्नत संस्करण है. इससे पहले पुराने वेरिएंट्स पिनाका एमके-1 की रेंज 40 किलोमीटर और पिनाका एमके-2 की रेंज 60 से 90 किलोमीटर थी. जबकि गाइडेड पिनाका की रेंज 75 से 90 किलोमीटर थी. 

साफ है पिनाका एमके-3 के सेना में शामिल हो जाने के बाद दुश्मन के घर में और अंदर स्थित सैन्य या आतंकी ठिकानों को चंद सेकंड्स में तबाह करने की ताकत हमारी सेना को मिल जाएगी. पूरी तरह स्वदेशी तकनीक होने की वजह से इसकी लागत भी काफी कम होगी और लॉजिस्टिक्स में भी कोई परेशानी नहीं होगी. 

दरअसल ऑपरेशन सिंदूर के तहत महज 22 मिनट में पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंक के नौ बड़े ठिकानों को जमींदोज करने के बाद पाकिस्तानी सेना ने जब भारत के सैन्य ठिकानों पर हमले की हिमाकत की तो हमारी सेना ने बेहद कम वक्त लेकर पाकिस्तान के 11 अहम एयरबेस तबाह कर दिए. भारतीय सेना की ताकत की हल्की सी नुमाइश देख इस वक्त पाकिस्तान तो पस्त है ही, चीन का चैन भी गायब हो चुका है, क्योंकि भारत की सैन्य कार्रवाई में चीनी हथियारों और उसकी रक्षा प्रणाली की पोल पट्टी पूरी दुनिया के सामने खुल गई. इसलिए चीन भारत की चुनौती से निपटने के लिए कई तरह की रणनीति पर काम कर रहा है, लेकिन भारत के रक्षा वैज्ञानिक इस मामले में चीन से चार कदम आगे चल रहे हैं.

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