
हाल के दिनों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के नाम पर ठगों द्वारा फर्जी समन और डिजिटल गिरफ्तारी नोटिस भेजे जाने के कई मामले सामने आए. ये समन इस तरह दिखते थे कि आम लोग असली और नकली में फर्क नहीं कर पा रहे थे. इस धोखाधड़ी से बचाव के लिए अब ईडी ने पूरी प्रक्रिया को डिजिटल और हाई-सिक्योरिटी सिस्टम में बदल दिया है.
नया हाई-सिक्योरिटी डिजिटल सिस्टम
नए सिस्टम के अनुसार अब हर समन पर एक QR कोड और यूनिक पासकोड होगा. QR कोड स्कैन करने पर मोबाइल से तुरंत वेरिफिकेशन रिजल्ट मिलेगा. पासकोड डालकर ईडी की आधिकारिक वेबसाइट पर भी समन कितना सच्चा है यह देखा जा सकेगा. समन जारी होने के 24 घंटे बाद ही उसका वेरिफिकेशन एक्टिव होगा ताकि सिस्टम डेटा अपडेट हो सके.
समन पर पूरी जानकारी होगी
ईडी ने बताया कि अब हर समन पर अधिकारी का नाम, हस्ताक्षर, मुहर, ईमेल आईडी और आधिकारिक फोन नंबर भी दिया जाएगा. इससे समन पाने वाला व्यक्ति सीधे संपर्क कर सकेगा और धोखे का शिकार नहीं होगा.
‘डिजिटल अरेस्ट’ पूरी तरह झूठ
एजेंसी ने साफ किया है कि उसके कानून PMLA के तहत कोई डिजिटल या ऑनलाइन अरेस्ट नहीं किया जाता है. गिरफ्तारी केवल फिजिकल रूप से कानूनी प्रक्रिया के तहत ही की जाती है. हाल में कुछ ठगों ने फोन या ईमेल के जरिए लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके वसूली करने की कोशिश की थी. ईडी ने इन्हें पूरी तरह साइबर फ्रॉड बताया है.
जनता के लिए ईडी की अपील
ईडी ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी फर्जी समन या डिजिटल अरेस्ट नोटिस पर घबराएं नहीं. ऐसे मामलों में तुरंत स्थानीय पुलिस या नजदीकी ईडी ऑफिस से संपर्क करें.
एजेंसी ने कहा कि वह जल्द ही एक सार्वजनिक जागरूकता अभियान भी चलाएगी. ईडी का मकसद है कि जांच प्रक्रिया को अधिक डिजिटल, सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जाए, ताकि कोई भी ठग अब ईडी के नाम पर लोगों को डराने की हिम्मत न कर सके.