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भारत के स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम 'BharOS' की हुई सफल टेस्टिंग...क्या है ये सिस्टम? Android और iOS से कितना है अलग, जानिए

IIT मद्रास ने स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS है, जिसके बारे में भारत के 100 करोड़ मोबाइल फोन यूजर्स को लाभ पहुंचाने का दावा किया जा रहा है. BharOS जिसे 'भरोस' भी कहा जाता है, एक स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है.

BharOS BharOS

जब हम मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में सोचते हैं, तो केवल Android और iOS ही दिमाग में आते हैं. भारत में स्मार्टफोन का इस्तेमाल बीते कुछ सालों में काफी बढ़ गया है. भारत में अभी फिलहाल दो आपरेटिंग सिस्टम लोकप्रिय है, जिसमें iOS और Android शामिल है. लेकिन जल्द ही भारत के लोग अपना स्वदेशी OS इस्तेमाल कर सकेंगे.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास द्वारा विकसित, "BharOS"को दुनिया के सामने पेश किया गया. JandK ऑपरेशंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित और IIT मद्रास में इनक्यूबेटेड, BharOS को कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ उपकरणों पर स्थापित किया जा सकता है, ऐसा इसके निर्माताओं का दावा है. एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह उन संगठनों के लिए सबसे आदर्श OS है जो गोपनीय जानकारी से निपटते हैं और अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता होती है.

क्या है BharOS?
आईआईटी मद्रास के निदेशक वी कामकोटि ने इस दौरान कहा, "BharOS सर्विस एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो भरोसे की बुनियाद पर बनाया गया है, जिसमें यूजर्स को उनकी जरूरत के हिसाब से एप चुनने और इस्तेमाल करने की ज्यादा आजादी, नियंत्रण और लचीलापन मुहैया कराने पर ध्यान दिया गया है." BharOS को प्राइवेसी-फोकस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम कहा जा रहा है, जिसे कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ हैंडसेट्स के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. IIT मद्रास की इनक्यूबेटेड फर्म, JandK ऑपरेशंस ने इसकी घोषणा की.नया स्वदेशी OS प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण के तहत तैयार किया गया है.

डेवलपर्स ने अभी तक यह नहीं बताया है कि वे किसके साथ साझेदारी करने की योजना बना रहे हैं, हालांकि BharOS कड़ी सिक्योरिटी और प्राइवेसी जरूरतों वाले ऑर्गेनाइजेशन को दिया जाएगा.

Android और आईओएस ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर से कैसे अलग है BharOS?

भरोस वास्तव में एंड्रॉइड ओपन सोर्स प्रोजेक्ट (एओएसपी) पर आधारित है, इसलिए यह आईओएस की तुलना में एंड्रॉइड के समान है. Android और BharOS के बीच एकमात्र अंतर यह है कि बाद वाले में Google की कोई भी सेवा शामिल नहीं है, जिससे उपयोगकर्ता अपनी पसंद के किसी भी एप्लिकेशन को डाउनलोड कर सकते हैं. IIT मद्रास की इनक्यूबेटेड फर्म, JandK ऑपरेशंस ने BharOS नामक मोबाइल फोन के लिए एक नए ऑपरेटिंग सिस्टम की घोषणा की है.

भरोस बिना किसी प्री-इंस्टॉल्ड एप्लिकेशन के भी आता है, जो उपयोगकर्ताओं को एपीके फाइल डाउनलोड करने का विकल्प देता है जो इंटरनेट पर आसानी से पाई जा सकती हैं. हालांकि, ऐसी फ़ाइलें आपके डिवाइस के लिए संभावित रूप से खतरनाक हो सकती हैं.

कितना सुरक्षित है?
JandK ऑपरेशंस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक कार्तिक अय्यर के अनुसार, BharOS"नेटिव ओवर द एयर" (नोटा) अपडेट प्रदान करता है जो डिवाइस को सुरक्षित रखने में मदद करता है. उन्होंने यह भी कहा कि Google Play सेवाओं के अभाव में भरोस चलाने वाले उपकरणों पर विशिष्ट निजी ऐप स्टोर सेवाओं (पास) से विश्वसनीय ऐप डाउनलोड किए जा सकते हैं.एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है,"एक PASS उन ऐप्स की क्यूरेटेड सूची तक पहुंच प्रदान करता है, जिन्हें पूरी तरह से जांचा गया है और संगठनों के कुछ सुरक्षा और गोपनीयता मानकों को पूरा किया है. इसका मतलब है कि उपयोगकर्ता आश्वस्त हो सकते हैं कि वे जो ऐप इंस्टॉल कर रहे हैं वे उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं और किसी भी संभावित सुरक्षा तोड़ना या गोपनीयता संबंधी चिंताएं के लिए जांच की गई है." 

नहीं कर सकते मजबूर
बता दें कि PASS क्यूरेटेड ऐप्स पेश करेगा, जो संगठन के सिक्योरिटी और प्राइवेसी स्टैंडर्ड को पूरा करते हैं. BharOS नो डिफॉल्ट ऐप्स (NDA) के साथ आएगा, जो यूजर्स को PASS से अपनी पसंद के ऐप्स डाउनलोड करने की सुविधा देगा. इसका अर्थ है कि यूजर्स को उन एप्स का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं किया जाता, जिनसे वे परिचित नहीं है या जिन्हें वे सिक्योरिटी के लिहाज से सुरक्षित नहीं मानते हैं और उन एप पर भरोसा नहीं कर सकते हैं.