पोर्टेबल सोलर पीवी टावर (साभार: IIT दिल्ली)
पोर्टेबल सोलर पीवी टावर (साभार: IIT दिल्ली) देश के सभी टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट बेहतरीन रिसर्च और इनोवेशन के लिए मशहूर हैं. आये दिन किसी न किसी इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से देश के हित में कोई न कोई इनोवेशन सामने आता ही रहता है. हाल ही में IIT दिल्ली ने एक बहुत ही बेहतरीन इनोवेशन किया है.
संस्थान का यह आविष्कार न सिर्फ देश की तरक्की के लिए बल्कि पर्यावरण के हित में भी है. बताया जा रहा है कि IIT दिल्ली के फिजिसिस्ट दलीप सिंह मेहता के नेतृत्व में एक टीम ने दिनभर एक पूरे क्षेत्र में फोटोवोल्टिक बिजली उत्पादन के लिए उच्च दक्षता (हाई एफिशिएंसी), छाया-रहित (शैडो लेस- नीचे लगे सोलर पैनल पर ऊपर के पैनल्स की छाया नहीं पड़ रही है) और ऑटो-रोटेटिंग सोलर पीवी टावर (Solar PV Tower) विकसित किए हैं.
सभी मौसम के लिए हैं अनुकूल:
IIT दिल्ली की टीम न इन 'नॉन-मैकेनिकल' और 'मैकेनिकल' ट्रैकिंग सोलर पीवी टावर्स को भारत के सभी मौसम के अनुकूल बनाया है. आप इन्हें किसी भी मौसम में इस्तेमाल कर सकते हैं. और सबसे बड़ी बात यह है कि ये 'मैकेनिकल' ट्रैकिंग सोलर पीवी टॉवर पोर्टेबल हैं. जिसका मतलब है कि पूरी यूनिट को कहीं भी ले जाकर किसी भी ट्रक पर लगाया जा सकता है. और आप इससे कहीं भी बिजली बना सकते हैं.
इन सोलर टॉवर्स की क्षमता 3kW और 5kW है. और इनकी क्षमता को बढ़ाया जा सकता है.
ईवी चार्जिंग से लेकर खेती तक में हैं उपयोगी हैं:
IIT दिल्ली का दावा है कि उनके बनाए ये सोलर पीवी टावर्स बहुत ही उपयोगी हैं. इन्हें कई तरह से काम में लिया जा सकेगा. जैसे,
इस कंपनी को मिला सेटअप करने का लाइसेंस:
इस आविष्कार को IIT दिल्ली ने पेटेंट कराया है और इन्हें कमर्शियल तौर पर सेटअप करने के लिए बेंगलुरु और मुंबई स्थित ईपी सनसोल प्राइवेट लिमिटेड को लाइसेंस दिया गया है. ईपी सनसोल पहले ही चेन्नई, आईआईटी दिल्ली और नवी मुंबई में क्रमशः 3kW, 4kW और 5kW के विकसित सिस्टम सेटअप कर चुका है.
इस इनोवेशन को करने वाली टीम का कहना है कि पारंपरिक समाधानों की तुलना में ये सोलर पीवी टावर्स छत पर मात्र 50-60% स्पेस लेंगे और 3kW क्षमता का सोलर पीवी टावर 20-25% तक, तो 5kW क्षमता का टावर 25-30% तक अधिक बिजली उत्पन्न करने में सक्षम हैं.