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Wheels of Nagas: महिला IPS की पहल ने किया कमाल, ड्राइवर और मैकेनिक ने मिलकर बना दी E-Bike

नागालैंड के नोकलक जिले में दो इनोवेटर्स ने E-Bike बनाई है. इस बैटरी से चलने वाली ई-बाइक की खासियत यह है कि इसे बनाने में ज्यादातर स्क्रैप चीजों का इस्तेमाल किया गया है.

E-Bike invented by Noklak people E-Bike invented by Noklak people
हाइलाइट्स
  • ड्राइवर और मैकेनिक ने बनाई E-Bike

  • तुमोंग की मशीनें कर रही हैं लोगों की मदद

म्यांमार सीमा पर नागालैंड में नोकलाक जिले के दो इनोवेटर्स ने ज्यादातर स्क्रैप का उपयोग करके बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक बाइक बनाई है. बताया जा रहा है कि इस बाइक में 250W की बैटरी, एक्सेलेरेटर और कुछ अन्य चीजों को छोड़कर, अन्य सब चीज स्क्रैप से ली गई थी. यह 4.6 फीट लंबी और 3.6 फीट ऊंची बाइक लगभग 120 किलोग्राम भार उठा सकती है और यह 25 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलती है. 

पुलिस अधीक्षक प्रीतपाल कौर द्वारा स्थापित "इनोवेटिव नोकलक" की पहल के तहत निर्मित इस ई-बाइक को बुधवार को "Wheels of Nagas" ब्रांड नाम के अंतर्गत, "बंदूकें नहीं बल्कि मशीनें" की थीम पर लॉन्च किया गया. इस दौरान जिलाधिकारी हियाजू मेरु व एसपी मौजूद रहे. 

ड्राइवर और मैकेनिक ने बनाई E-Bike
यह कौर की सोच थी, जिसे उनके ड्राइवर पी खुमिंग और एक मैकेनिक तुमोंग ने आकार दिया था. खुमिंग और तुमोंग, दोनों ही बेहतरीन मैकेनिक हैं. दोनों इनोवेटर्स का कहना है कि उनका सपना सच हो गया है. 

तुमोंग ने पहले कुकिंग-कम-ड्राइंग मशीन, एक तेल निकालने वाली मशीन और अन्य कम लागत वाली मशीनों का निर्माण भी किया है. तुमोंग ने टीएनआईई को बताया कि कुछ महीने पहले, एसपी कौर ने उनसे पूछा कि क्या वह इलेक्ट्रिक बाइक बना सकते हैं. तुमोंग के हां कहने पर कौर ने एक वेल्डिंग मशीन की व्यवस्था की और उनकी सहायता के लिए अपने ड्राइवर को भेजा. 

डेंटिस्ट भी हैं IPS कौर 
आईपीएस अधिकारी कौर, एक दंत चिकित्सक भी हैं. उन्होंने कहा कि बाइक को जरूरत के कारण बनाया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य के विशेष सचिव (गृह) एसआर सरवनन ने उन्हें और दोनों इनोवेटर्स को प्रेरित किया. इलाके के लोगों की कठिनाई को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इलेक्ट्रिक बाइक बनाने के लिए कहा. 

स्थानीय लोगों को दोपहिया वाहन खरीदने के लिए राज्य के कमर्शियल केंद्र दीमापुर या राज्य की राजधानी कोहिमा जाना पड़ता है और इसके लिए 15-16 घंटे से ज्यादा का सफर तय करना पड़ता है. इसलिए वह चाहती हैं यहां लोग खुद अपनी बाइक बनाएं.  

तुमोंग की मशीनें कर रही हैं लोगों की मदद
नोकलक में कुछ लोग सुंदर बंदूकें बनाते हैं. पहले यहां के किसान अपनी बड़ी इलायची को लकड़ी जलाकर सुखाते थे लेकिन इससे धुआं होता और इलायची का स्वाद चला जाता. जिससे इसकी कीमत गिरने लगी. फिर, तुमोंग ने इलायची सुखाने के लिए एक कम लागत वाली मशीन का निर्माण किया और यह लोगों की जबरदस्त मदद कर रही है. 

इसी तरह ई-बाइक से प्रदूषण कम होगा और बेरोजगारों को आजीविका मिलेगी. नोकलक के अलावा उन्हें आसपास के जिलों में भी बाजार मिलेगा. डीएम ने कहा कि नोकलक के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है.