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Ahmedabad: Summers में Heat से लोगों को बचाने के लिए किया जा रहा परीक्षण, घरों की छत को पोता जा रहा खास रंग से... देखने को मिले बेहतर नतीजे

अहमदाबाद में लोगों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए एक नई पहल पर काम किया जा रहा है. इस परियोजना में कुछ लोगों के घर की छत को विशेष सफेद रंग से पोता गया है. वहीं कुछ लोगों के घर की छत को छोड़ दिया गया है. ऐसे में जिनके घर की छत को रंगा गया है उन्हें गर्मी से राहत मिल रही है.

प्रयोग के लिए छतों को रंगा जा रहा सफेद प्रयोग के लिए छतों को रंगा जा रहा सफेद

दुनिया भर में तापमान लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में एक वैज्ञानिक परीक्षण चल रहा है. इसमें छतों को सफेद रंग से रंगकर गर्मी की तपिश को कम किया जा रहा है.

बुर्किना फासो और मैक्सिको जैसे देशों में इस परियोजना के बेहतर नतीजे देखने को मिले हैं. ठंडी छतें न सिर्फ घर के अंदर के तापमान को कम करने में मदद करती हैं, बल्कि हृदय गति को नियंत्रित करने में भी मददगार होती हैं. इसे लेकर भारत में भी पहल की जा रही है.

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ कई गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर अहमदाबाद में एक नियंत्रित परीक्षण की अगुवाई कर रहा है. इसके लिए शहर के वंजारा वास इलाके के लगभग 400 घरों को चुना गया है. इनमें से 200 घरों की छतों को एक विशेष परावर्तक सफेद रंग से रंगा गया है जबकि 200 घरों को बिना रंगे छोड़ दिया गया है.

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क्या कहना है विशेषज्ञों का
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के आनीश सिंहा ने कहा, 'हमने वंजारा वास को चुना है. चूंकि यह एक झुग्गी-झोपड़ी वाला इलाका है. उस इलाके में ज़्यादातर घर की छतें आम तौर पर सीमेंट शीट या टिन शीट से बनी होती हैं. जो गर्मियों के मौसम में बहुत गर्म हो जाती हैं. जैसा कि, हम जानते हैं कि अहमदाबाद का तापमान 45 डिग्री से ज़्यादा हो जाता है. कई दिनों में यह 42 डिग्री से भी ज़्यादा हो जाता है. इसलिए, हमने इस ट्रायल में जो किया है, हमने कूल रूफ पेंटिंग की है. ये एक विशेष पेंट है जो सोलर रिफ़्लेक्ट के लिए है. इसका सोलर रिफ़्लेक्टिव इंडेक्स बहुत ज़्यादा है, जिससे इनडोर तापमान कम होने की उम्मीद है.'

क्या कहना है लोगों का
जिन लोगों के घरों की छतों को विशेष रंग से रंगा गया है, उनका कहना है कि वे तापमान में फर्क को महसूस कर रहे हैं. उनके मुताबिक उनके घर काफी ठंडे हो गए हैं और उन्हें इसका अहसास खासकर रात के वक्त होता है.
वंजारा वास की निवासी सुनीता कहती हैं, 'अब गर्मी कम हो गया है थोड़ा. साथ ही हम अब पंखे में सो पाते हैं. इससे हमको काफी फायदा मिला है. पहले के मुकाबले अब घर कम तपता है.'

वहीं एक दूसरे निवासी प्रवीणा का कहना है कि तब परिस्थिति थी कि कलर नहीं लगा तो ज्यादा गर्मी थी. अब कलर लग गया तो राहत मिल गई है. अब बैठने लगा, काम धंधा अंदर करने लगे हैं. पहले नहीं बैठ पाते थे, इतनी गर्मी लगती थी. अब रात को भी कम गर्मी लगती है. तो एक और निवासी नाज़नीन बताती है कि छत पहले कलर नहीं हुआ था तो बहुत गर्मी पड़ती थी. सो नहीं पाते थे रात को. अब रात को सो पाते हैं. दिन में भी घर में काम-धंधा कर पाते हैं.