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एक भी आतंकवादी इस कैमरे की नजर से नहीं बच पाएगा, इंडिया की अलग-अलग फोर्सेज कर रही इस नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

AI टॉर्च कैमरा दिखता तो नॉर्मल टॉर्च की तरह है लेकिन यह डिवाइस संदिग्ध चेहरों की पहचान सेकंड से भी कम समय में कर सकता है. भीड़ में छिपे आतंकवादी या अपराधी की यह तुरंत पहचान कर लेता है, चाहे चेहरा पुराना हो या आधा ढका हुआ. इसमें नाइट विजन से लेकर अपराधियों और आतंकवादियों के चेहरे को पहचानने वाले डाटाबेस और तकनीक लगी है.

Defence AI camera Defence AI camera
हाइलाइट्स
  • भारत का नया डिजिटल हथियार

  • धमाके में भी नहीं रुकती निगरानी

भारत, पाकिस्तान और आतंकवाद से बहुत आगे है. भारत ने खुद को सिर्फ हथियार के आधार पर ही मजबूत नहीं बनाया है बल्कि AI और टेक्नोलॉजी के लिहाज से भी भारत लगातार आगे बढ़ रहा है. आज हम आपको AI से लैस ऐसी टेक्नोलॉजी के बारे में बताने जा रहे हैं जो पाकिस्तान और आतंकवाद के मंसूबों को चकनाचूर कर देगा.

भारत का नया डिजिटल हथियार
AI टॉर्च कैमरा दिखता तो नॉर्मल टॉर्च की तरह है लेकिन यह डिवाइस संदिग्ध चेहरों की पहचान सेकंड से भी कम समय में कर सकता है. भीड़ में छिपे आतंकवादी या अपराधी की यह तुरंत पहचान कर लेता है, चाहे चेहरा पुराना हो या आधा ढका हुआ. इसमें नाइट विजन से लेकर अपराधियों और आतंकवादियों के चेहरे को पहचानने वाले डाटाबेस और तकनीक लगी है. मतलब अगर कोई आंतकी या संदिग्ध भीड़ या पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए भागने की कोशिश करता है तो उसे आसानी से पहचाना जा सकता है. इस AI torch Camera को डेवलप करने वाली टीम की मालविका बताती हैं कि इसके जरिए किसी की 10-12 साल पुरानी फोटो भी हो तो भी आज उसे ढूंढना आसान है.

अलग- अलग फोर्सेज और एजेंसी कर रही इसका इस्तेमाल
अगर किसी आतंकवादी की पहचान होती है, तो यह टॉर्च अपने आप वाइब्रेट करने लगेगी. जिससे सुरक्षा बलों को खतरे का आभास हो जाएगा. इसके साथ ही कंट्रोल रूम में बैठे हुए व्यक्तियों को भी आतंकवादी का चेहरा उसका डाटा और उसके अलावा उसकी पिन पॉइंट लोकेशन मिल जाएगी. इसका इस्तेमाल अलग- अलग फोर्सेज और एजेंसी कर रही हैं.

धमाके में भी नहीं रुकती निगरानी
कटरा श्रीनगर रेलवे लाइन पर लगभग 3000 ऐसे सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इन कैमरों के जरिए सबसे उंचे रेलवे ब्रिज चेनाब की भी सुरक्षा की जाती है. इन कैमरा के जरिए रात के समय 100 मीटर तक नाइट विजन के जरिए किसी भी हरकत या व्यक्ति की पहचान संभव है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एल्गोरिथम के जरिए किसी भी मूवमेंट को कैप्चर किया जा सकता है लेकिन इसकी सबसे खास बात यह है कि यह इतनी भारी और मजबूत स्टील से निर्मित है, जो किसी भी आईडी ब्लास्ट या बारूदी धमाके होने के बावजूद भी सुरक्षित रहेंगे और कमांड एंड कंट्रोल सेंटर तक लाइव फुटेज पहुंचते रहेंगे.

छिपे हथियारों का भी लगेगा पता
यह एक सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी है जो न सिर्फ नाइट विजन कैमरे के साथ लिंक की जा सकती है, बल्कि मौजूदा किसी भी सीसीटीवी कैमरा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से स्मार्ट कमरे में तब्दील कर सकती है. इसकी विशेषता यह है कि अगर कोई आतंकवादी अपने कपड़ों के अंदर एसॉल्ट राइफल या पिस्तौल समेत कोई हथियार जंगल वाले रास्ते से चरवाहे के भेष में भी छुपा कर ले जाने की कोशिश करता है, तो भी इस सॉफ्टवेयर के जरिए हथियार की पहचान किसी एक्स-रे की तरह सामान्य कैमरे से भी संभव है. खास बात यह है कि यह सभी कैमरे और सॉफ्टवेयर पूरी तरह से भारतीय तकनीक यानी स्वदेश में ही निर्मित है. जिसमें किसी भी चीन के प्रोडक्ट या टेक्नोलॉजी का प्रयोग नहीं किया गया है.