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WHO on CyberBullying: हर 6 में से 1 बच्चा हो रहा है आज Cyberbullying का शिकार, जानें अपने बच्चे को कैसे बचाएं इस Online Harassment से 

साइबर बुलिंग तब होती है जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को परेशान करने, धमकाने, शर्मिंदा करने या निशाना बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है. अगर आपका बच्चा आपको कोई टेक्स्ट, टिप्पणी या पोस्ट दिखाता है जो कठोर, मतलबी या क्रूर है तो ये साइबर बुलिंग का ही हिस्सा है.

Cyberbullying (Photo Credit: Freepik) Cyberbullying (Photo Credit: Freepik)
हाइलाइट्स
  • हर 6 में से 1 बच्चा है इसका शिकार 

  • बच्चे को बचाएं इस ऑनलाइन Harassment से 

दुनियाभर में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ रहा है. लेकिन इसके साथ कई खतरे भी बढ़ रहे हैं. डिजिटल दुनिया में बच्चों की सुरक्षा को लेकर आए दिन सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में हाल में आई एक रिपोर्ट में पता चला है ऑनलाइन दुनिया में साइबर बुलिंग का खतरा भी बढ़ रहा है. हर 6 में से 1 बच्चा आज साइबर बुलिंग का शिकार होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया है. 

हर 6 में से 1 बच्चा है इसका शिकार 

साइबर बुलिंग पर हुई इस रिपोर्ट के अनुसार, 11 से 15 साल की उम्र के लगभग 16 प्रतिशत बच्चों ने 2022 में साइबरबुलिंग का अनुभव किया. दरअसल, कोविड-19 महामारी ने एक नए युग की शुरुआत की. इसमें छोटे-छोटे बच्चे भी वर्चुअल दुनिया का हिस्सा हो गए. उनका स्क्रीन टाइम भी बढ़ गया. शिक्षा को भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट कर दिया गया. ऐसे में साइबरबुलिंग खतरे बढ़ने लगे. 

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क्या है साइबर बुलिंग?

साइबर बुलिंग टेक्नोलॉजी की मदद से होती है. ये तब होती है जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को परेशान करने, धमकाने, शर्मिंदा करने या निशाना बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है.  इसके लिए स्मार्टफोन, कंप्यूटर, टैबलेट और गेमिंग सिस्टम का सहारा लिया जाता है. हालांकि, आपके बच्चे इसका शिकार है या नहीं आप इसका पता लगा सकते हैं. 

कैसे पता करें कि बच्चा हो रहा है साइबर बुलिंग का शिकार?

अगर आपका बच्चा आपको कोई टेक्स्ट, टिप्पणी या पोस्ट दिखाता है जो कठोर, मतलबी या क्रूर है तो ये साइबर बुलिंग का ही हिस्सा है. या फिर अगर कोई किसी की पर्सनल जानकारी पोस्ट करता है, या फोटो या वीडियो का उपयोग करता है जो उस दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचा रहा है या अगर वो उससे शर्मिंदा हो रहा है, तो ये भी इसी का हिस्सा है. या फिर अगर कोई व्यक्ति परेशान करने और धमकाने के लिए फर्जी अकाउंट या स्क्रीन नाम बनाता है, तो ये भी साइबर बुलिंग है. 

माता-पिता कैसे कर सकते हैं बच्चे की मदद? 

अगर आपका बच्चा साइबर बुलिंग का शिकार हो रहा है तो उससे बात करें और अकेला न छोड़ें. अपने बच्चों को सबसे पहले ये समझाएं कि इसमें उनकी गलती नहीं है. अपने बच्चे से इस बारे में बात करके सही काम करने के लिए उसकी प्रशंसा करें. साथ ही उसे याद दिलाएं कि आप इसमें उसके साथ हैं. 

-बच्चे के स्कूल में इसकी सूचना दें, स्थिति के बारे में प्रिंसिपल, स्कूल नर्स, या परामर्शदाता या शिक्षक को बताएं. कई स्कूलों की किताब में साइबर बुलिंग का जवाब देने के लिए नियम हैं. ये जिले और राज्य के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं. 

-रिपोर्ट करने से पहले, अपने बच्चे को बताएं कि आप ऐसा करने की योजना बना रहे हैं, ताकि आप एक ऐसी योजना बना सकें जिससे आप दोनों सहज महसूस करें. 

-आगे की कार्रवाई की जा सके, उसके लिए धमकी भरे मैसेज, चित्रों और टेक्स्ट के स्क्रीन शॉट रखें. इन्हें धमकाने वाले के माता-पिता, स्कूल या यहां तक ​​कि पुलिस के पास सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

-अगर बच्चा सहमत है, तो किसी चिकित्सक से मिलकर भावनाओं पर काबू पाने में मदद मिल सकती है.