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अगले साल से मार्केट में आ जाएगी दुनिया की पहली फ्लाइंग कार! बस इतना खर्च कर आप भी ले पाएंगे राइड

यूरोपियन कंट्री स्लोवाकिया की कंपनी Klein Vision ने दुनिया की पहली फ्लाइंग कार 'AirCar' बना ली है, जो 2026 की शुरुआत में मार्केट में बिकने के लिए तैयार होगी. उड़ान के लिए इसके पंख महज 2 मिनट में बाहर निकलते हैं, और लैंडिंग के बाद फिर से अंदर चले जाते हैं.

AirCar AirCar
हाइलाइट्स
  • करीब 8 करोड़ तक हो सकती है कीमत

  • 200 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ सकती है कार

फ्लाइंग कार को अब तक आपने सिर्फ फिल्मों में देखा होगा लेकिन जल्द ही ये अब आपकी आंखों के सामने होगी. यूरोपीय देश स्लोवाकिया की कंपनी Klein Vision ने दुनिया की पहली फ्लाइंग कार बना ली है, जो 2026 की शुरुआत में मार्केट में बिकने के लिए तैयार होगी. इसे AirCar नाम दिया गया है. इस कार को स्लोवाकिया में सर्टिफिकेट ऑफ एयरवर्थिनेस मिल चुका है. अब इसे यूरोप के अन्य देशों और UK में मंजूरी दिलाने की प्रक्रिया चल रही है.

करीब 8 करोड़ तक हो सकती है कीमत
ये दो-सीटर हाइब्रिड कार बाहर से देखने में किसी स्पोर्ट्स कूपे जैसी लगती है लेकिन महज दो मिनट में अपने पंख बाहर निकालकर उड़ने को तैयार हो जाती है. रनवे पर करीब 300 मीटर दौड़ने के बाद यह कार 18,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती है. AirCar की शुरुआती कीमत करीब 6.5 करोड़ होगी, जबकि इसके एडवांस वर्जन की कीमत 8 करोड़ तक जा सकती है. आप अपनी पसंद के हिसाब से इसमें 280, 320 या 340 हॉर्सपावर का इंजन ले सकते हैं.

पेट्रोल से चलती है कार
फिलहाल यह कार पेट्रोल से चलती है, लेकिन कंपनी का कहना है कि जैसे ही बैटरियों की टेक्नोलॉजी बेहतर होगी, कार का इलेक्ट्रिक वर्जन भी लॉन्च किया जाएगा. इसे प्राइवेट ट्रैवल के अलावा एक Uber-स्टाइल फ्लाइंग टैक्सी सर्विस के रूप में भी इस्तेमाल करने की योजना है. ब्रिटेन सरकार ने फ्लाइंग टैक्सी के लिए £20 मिलियन का फंड CAA को दिया है. ब्रिटेन के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर Mike Kane ने कहा है कि 2026 तक UK के आसमान में पायलट के साथ उड़ने वाली टैक्सियां दिखने लगेंगी.

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200 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ सकती है कार
कंपनी का दावा है कि यह कार करीब 200 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ सकती है और इसकी क्रूज़िंग स्पीड 155 250 किमी/घंटा है. Morgan Stanley की रिपोर्ट के मुताबिक फ्लाइंग कारों का ग्लोबल मार्केट 2040 तक $1 ट्रिलियन और 2050 तक $9 ट्रिलियन तक पहुंच सकता है. इससे न केवल ट्रांसपोर्ट में क्रांति आएगी, बल्कि ट्रैफिक जाम भी कम होगा.