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अब जीरो-एमिशन होंगी फ्लाइट्स, ZeroAvia कंपनी ने की Hydrogen Electric Aircraft की टेस्टिंग

World Largest Hydrogen Electric Aircraft: जीरोएविया कंपनी ने दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोजन इलेक्ट्रिक विमान बनाया है. इस प्लेन ने 10 मिनट की टेस्ट उड़ान पूरी की. साल 2025 तक कंपनी की कमर्शियल फ्लाइट की योजना है.

दुनिया के सबसे बड़े हाइड्रोजन इलेक्ट्रिक विमान ने पहली टेस्ट उड़ान पूरी की (Photo/ZeroAvia) दुनिया के सबसे बड़े हाइड्रोजन इलेक्ट्रिक विमान ने पहली टेस्ट उड़ान पूरी की (Photo/ZeroAvia)

दुनिया के सबसे बड़े हाइड्रोजन इलेक्ट्रिक विमान ने पहली टेस्ट उड़ान पूरी की. जीरोएविया कंपनी के हाइड्रोजन इंजन पावर्ड प्लेन ने पहली बार में 10 मिनट की उड़ान पूरी की. प्लेन ने यूके के कॉटस्वॉल्ड एयरपोर्ट से पहली टेस्ट उड़ान भरी. कंपनी का साल 2025 तक कमर्शियल फ्लाइट शुरू करने का टारगेट है.

प्लेन ने 10 मिनट तक भरी उड़ान-
ZeroAvia कंपनी की हाइड्रोजन इंजन वाले प्लेन की योजना HyFlyer II प्रोजेक्ट का हिस्सा है. जिसके लिए सरकार से आर्थिक मदद मिल रही है. पर्यावरण को प्रदूषण स बचाने के लिए इससे तहत छोटे यात्री विमानों का इस्तेमाल किया जाएगा. इस योजना के तहत ही कंपनी ने हाइड्रोजन इलेक्ट्रिक विमान की पहली टेस्टिंग की. इस प्लेन ने 10 मिनट तक उड़ान भरी और कंपनी 2025 तक कमर्शियल फ्लाइट शुरू करने के टारगेट के और करीब पहुंच गई. जीरोएविया के संस्थापक और सीईओ वैल मिफ्ताखोव ने इसे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ जीरोएविया के लिए नहीं, बल्कि एविएशन सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण मौका है, क्योंकि यह दिखाता है कि जीरो-एमिशन कमर्शियल फ्लाइट अब सिर्फ कुछ साल दूर है. 

विमान में दो इंजन-
इस विमान में दो इंजन हैं. इसमें बाएं विंग पर जीरोएविया के हाइड्रोजन इलेक्ट्रिक इंजन के लिए रेट्रोफिट किया गया है, जबकि दाईं तरफ एक सिंगल हनीवेल टीपीआई-331 स्टॉक इंजन के साथ है, जो टेक-ऑफ के दौरान एक्ट्रा पावर जनरेट करेगा. फिलहाल टेस्ट फ्लाइट में हाइड्रोजन टैंक और ईंधन सेल पावर जनरेशन सिस्टम रखे हुए हैं. हालांकि कमर्शियल फ्लाइट में इसे बाहर रखा जाएगा, ताकि बैठने के लिए जगह बन सके.

9-19 सीटों वाले प्लेन पर चल रहा काम-
फिलहाल जीरोएविया कंपनी 600 kW पावरट्रेन के साथ जीरो-एमिशन कमर्शियल प्लेन पर काम कर रही है. साल 2024 तक इसे पूरा करने की योजना है. इसमें 9 से 19 सीटों वाले विमान शामिल हैं. ये 300 मील तक उड़ान भर सकते हैं. हालांकि इस रेंज को 700 मील तक करने के लिए भी काम किया जाएगा, जिसके लिए 2-5 मेगावाट पावरट्रेन प्रोग्राम पर काम होगा.

90 सीटों वाले प्लेन में इस्तेमाल की भी योजना-
जीरोएविया कंपनी का कहना है कि अभी इस टेक्नोलॉजी को प्रमाणित करने के लिए काम हो रहा है और साल 2025 तक इसके कमर्शियल इस्तेमाल की योजना है. कंपनी 2-5 मेगावाट पावरट्रेन कार्यक्रम पर भी काम कर रही है, जिसका इस्तेमाल 90 सीटों वाले प्लेन में किया जा सकता है. कंपनी का प्लान अगले दशक में इस योजना को विस्तार देने का है और ज्यादा सीटों वाले प्लेन में इसके इस्तेमाल की योजना है.
इस कंपनी में यूनाइटेड एयरलाइंस ने 35 मिलियन डॉलर का निवेश किया है. इससे पहले अलास्का एयर ने भी इस ग्रुप में अच्छा-खासा निवेश किया है. पिछले साल जीरोएविया कंपनी ने हाइड्रोजन इलेक्ट्रिक प्लेन टेक्नोलॉजी के विकास के लिए 30 मिलियन डॉलर की फंडिंग का ऐलान किया था.

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