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Delhi Sheesh Mahal Reopen: दिल्ली में शीशमहल 370 साल बाद खुला, टिकट से लेकर टाइमिंग तक...जानिए सब कुछ

मुगलकालीन शीशमहल पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. इस ऐतिहासिक जगह को 370 साल बाद आम लोगों के लिए खोला है. ये जगह औरंगजेब की ताजपोशी का गवाह रहा है. मुगल काल के इस ऐतिहासिक शीशमहल को शाहजहां की तीसरी बेगम ने बनवाया था.

Sheesh Mahal Delhi (Photo Credit: Getty) Sheesh Mahal Delhi (Photo Credit: Getty)
हाइलाइट्स
  • दिल्ली में शीश महल 370 साल बाद खुला

  • शाहजहां की बेगम ने करवाया था निर्माण

  • इस महल का औरंगजेब से है कनेक्शन

दिल्ली में घूमने के लिए कई ऐतिहासिक जगहें हैं. बड़ी संख्या में लोग इन जगहों को देखने के लिए आते हैं. दिल्ली की ऐतिहासिक जगहों में एक और नाम जुड़ गया है. दिल्ली का शीशमहल 370 साल पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. दिल्ली के शालीमार बाग में स्थित 370 साल पुराने शीशमहल को जनता के लिए फिर से खोल दिया गया है. यह मुगलकालीन स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है. पुरातत्व विभाग की मेहनत से इस ऐतिहासिक धरोहर को पुनर्जीवित किया गया है. आइए जानते हैं इस महल की कहानी.

शीशमहल कहां है?

  • दिल्ली का शीश महल उत्तर-पश्चिम दिल्ली के शालीमार बाग में स्थित है. यह जगह ऐतिहासिक शालीमार गार्डन के अंदर है, जिसे मुगल काल में बनाया गया था.
  • दिल्ली की ये ऐतिहासिक जगह शालीमार बाग क्लब और शालीमार बाग मेट्रो स्टेशन के पास में है.
  • सबसे निकटतम मेट्रो स्टेशन शालीमार बाग और हैदरपुर बादली मोड़ मेट्रो स्टेशन है. यहां से सैलानी आराम से शीशमहल पहुंच सकते हैं.

किसने बनवाया था शीशमहल?

  • शीशमहल का निर्माण 1653 में मुगल बादशाह शाहजहां की तीसरी पत्नी इज़ू निशा ने करवाया था. यह महल लाखौरी ईंटों से बना है, जो मुगलकालीन वास्तुकला का प्रतीक है. 
  • महल की दीवारों पर शीशे का महीन काम किया गया है. इस वजह से इसे 'शीशमहल' नाम दिया गया. महल के अंदर 12 दरवाजों वाला हवादार मंडप है, जो मुगल काल की ठाठ-बाठ को दर्शाता है. 
  • शीशमहल का औरंगजेब से भी कनेक्शन है. ये वही जगह है जहां 1658 में औरंगजेब की ताजपोशी हुई थी.
  • शीशमहल शालीमार बाग का हिस्सा है, जिसे मुगलकालीन चारबाग डिज़ाइन पर बनाया गया था. चारबाग डिज़ाइन धरती पर स्वर्ग का प्रतीक माना जाता था. 
  • बाग के बीचों-बीच फव्वारे, पानी की आवाज और हरे-भरे पेड़ हुआ करते थे. महल का प्रवेश द्वार, जिसे 'हाथी दरवाजा' कहा जाता है, बेहद भव्य है. 
  • यह वही जगह है जहां राजा-महाराजा हाथियों पर बैठकर आते थे. अब यह स्थान आम जनता के लिए खुल गया है.

पर्यटकों के लिए कैसे खुला?

  • समय के साथ मुगल काल का ये महल खंडहर में बदल गया था लेकिन पुरातत्व विभाग ने इसे पुनर्जीवित करने का कार्य किया. 
  • लाखौरी ईंटों से बने रास्ते जो 500 साल पुराने हैं, आज भी वैसे ही हैं. यह महल अब दिल्ली वालों के लिए एक नया पर्यटन स्थल बन गया है.
  • दिल्लीवासी और पर्यटक अब सिर्फ इंडिया गेट और कुतुब मीनार तक सीमित नहीं रहेंगे. उनके लिए दिल्ली में नया टूरिस्ट स्पॉट खुल गया है.
  • शालीमार बाग में स्थित शीशमहल अब इतिहास प्रेमियों और परिवारों के लिए एक शांत और सुंदर स्थान बन गया है. 
  • यह महल दिल्ली के बीचोबीच स्थित है और मुगलकालीन इतिहास की अनमोल झलक प्रदान करता है.
  • 2 जुलाई 2025 को केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता ने शीश महल का उद्घाटन किया.
शीशमहल दिल्ली (Photo Credit: Getty)
शीशमहल दिल्ली (Photo Credit: Getty)

शीशमहल की टाइमिंग क्या है?

  • 370 साल बाद पर्यटकों के लिए खुला शीशमहल हफ्ते के सभी दिन खुला रहेगा. हर दिन सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक खुले रहेगा.
  • मुगल काल का ये महल वीकेंड्स और सरकारी छुट्टियां पर खुला रहेगा. गर्मियों में सुबह जल्दी और शाम में जाना बेहतर रहता है.
  • फिलहाल शीशमहल की कोई एंट्री फीस नहीं है. अगर आप दिल्ली में कोई नई जगह देखना चाहते हैं तो यहां जा सकते हैं.

दिल्ली के शालीमार बाग स्थित शीश महल मुगल वास्तुकला का एक अनूपम और ऐतिहासिक उदाहरण है. इसे 17वीं सदी में शाहजहां की पत्नी इज्ज़-उन-निसा बेगम ने बनवाया था. यह न सिर्फ अपनी खूबसूरत शीशे की नक्काशी, चारबाग शैली के बाग और शाही वैभव के लिए फेमस है बल्कि औरंगज़ेब के राज्याभिषेक जैसे ऐतिहासिक घटनाओं का भी गवाह रहा है. लंबे समय तक बंद रहने के बाद इसका आम जनता के लिए खुलना दिल्ली के सांस्कृतिक और पर्यटन के लिए एक नई सौगात है. अब यह जगह न सिर्फ इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है बल्कि दिल्ली के समृद्ध अतीत से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर भी देता है.

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