
अब वह दिन दूर नहीं जब हम और आप अपने देश में हाइड्रोजन ट्रेन में सफर कर सकेंगे. दरअसल, इंडियन रेलवे (Indian Railway) ने देश का पहला हाइड्रोजन ट्रेन ( Hydrogen Train) तैयार किया है. अब इस ट्रेन का ट्रायल होनेवाला है. इस ट्रेन को नमो ग्रीन रेल (Namo Green Rail) नाम दिया गया है. यह हाइड्रोजन ट्रेन 110 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी. इस ट्रेन में एक बार में 2638 यात्री सफर कर सकेंगे. इस हाइड्रोजन ट्रेन के चलने के बाद दुनिया में भारत ऐसा करने वाला पांचवां देश बन जाएगा.
चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री यानी आईसीएफ में तैयार इस हाइड्रोजन ट्रेन का अब रेलवे के रिसर्च आर्म Research Development & Standard Organisation की निगरानी में इसका ऑसिलेशन ट्रायल होगा. ऑसिलेशन ट्रायल का मतलब है कि किसी रेलगाड़ी या ट्रेन की स्थिरता और सुरक्षा का परीक्षण करना, जब वो पटरी पर चल रही हो. यह परीक्षण ये सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि ट्रेन अपनी गति में स्थिर रहे और पटरी से उतरने या पलटने का खतरा न हो. हाइड्रोजन ट्रेन का ऑसीलेशन ट्रायल हरियाणा के जिंद और सोनीपत के बीच किया जाएगा. हाइड्रोजन ट्रेन के इंजन पर 'नमो ग्रीन रेल' लिखा गया है. इसका मतलब है कि हाइड्रोजन ट्रेन को इसी नाम से जाना जाएगा. आइए इस ट्रेन की खासियत जानते हैं.
हाइड्रोजन ट्रेन की खासियत
1. हाइड्रोजन ट्रेन ईको फ्रेंडली होगी. इससे प्रूदषण नहीं फैलेगा.
2. इस ट्रेन में हाइड्रोजन गैस को ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाएगा. यह ट्रेन शून्य कार्बन उत्सर्जन करती है.
3. इस ट्रेन में कुल 10 डिब्बे हैं. इस हाइड्रोजन ट्रेन में दो इंजन लगे हैं. इन इंजनों को आगे और पीछे लगाया गया है.
4. ट्रेन में 1200 हार्सपावर के हाइड्रोजन इंजन लगे हैं.
5. यह हाइड्रोजन ट्रेन 110 से 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी.
6. इस हाइड्रोजन ट्रेन में 2638 यात्रियों की बैठने की क्षमता है.
7. एक हाइड्रोजन ट्रेन की कीमत 80 करोड़ रुपए है.
8. ट्रेन के इंजनों में हाइड्रोजन फ्यूलिंग के लिए हरियाणा के जिंद में फ्यूलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है. यहां करीब 3000 किलो हाइड्रोजन के स्टोरेज की भी व्यवस्था है.
9. इस ट्रेन में आगे और पीछे एक-एक पावर कार बनाया गया है, उनमें 220 किलो हाइड्रोजन के स्टोर करने की क्षमता होगी.
10. इन पावर कार में हाइड्रोजन सेल विशेष रूप से डिजाइन किए गए सिलेंडरों में 350 बार प्रेशर पर भरा जाएगा.
11. इस ट्रेन में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के रिएक्शन से बिजली पैदा होती है और इसमें सिर्फ पानी और ऊर्जा उत्पन्न होती है.
12. कोच का बाहरी और भीतरी डिजाइन बेहद आधुनिक और आकर्षक है, जो वंदे भारत ट्रेन जैसा दिखता है.
13. केबिन पूरी तरह से डिजिटल और कंप्यूटराइज्ड है, जिसमें बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगी हैं. यह किसी हवाई जहाज के कॉकपिट जैसा दिखता है.
14. भारतीय रेलवे देश में 35 हाइड्रोजन ट्रेनें चलाने की योजना बना रहा है.
इन देशों में चलती है हाइड्रोजन ट्रेन
दुनिया में जर्मनी ने सबसे पहले साल 2022 में हाइड्रोजन ट्रेन चलाई थी. उसके बाद फ्रांस ने ये कारनामा किया था. स्वीडन और चीन में भी हाइड्रोजन ट्रेनें चलती हैं. अब भारत हाइड्रोजन ट्रेन चलाने वाला पांचवां देश बनने जा रहा है. हरियाणा में ये हाइड्रोजन ट्रेन सबसे पहली बार चलेगी. रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने मंगलवार शाम को अपने एक्स हैंडल पर इस ट्रेन का वीडियो शेयर किया. इस वीडियो में ट्रेन की डिजाइन और विशेषताएं बताई गई हैं.