
तत्काल योजना का सभी लोगों को लाभ मिल सके इसके लिए भारतीय रेलवे ने एक बड़ा कदम उठाया है. तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में कुछ बदलाव किया है. टिकट बुकिंग के लिए गलत सॉफ्टवेयर का उपयोग करने के मामले में पिछले छह महीनों में 2.5 करोड़ संदिग्ध IRCTC आईडी ब्लॉक किया है. इसके साथ ही व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए तत्काल ई-टिकट बुक करने के लिए अब आधार को अनिवार्य बना दिया गया है. रेलवे काउंटर/विंडो पर तत्काल टिकट बुकिंग के लिए यात्रियों/प्रतिनिधियों को मोबाइल नंबर और ओटीपी प्रदान करना होगा. इस नियम से रेलवे टिकट बुकिंग की कालाबजारी रुकेगी और आम यूजर्स को इसका ज्यादा लाभ मिलेगा.
सफल प्रमाणीकरण के बाद ही जारी होगा तत्काल टिकट
मोबाइल/ओटीपी के सफल प्रमाणीकरण के बाद ही तत्काल टिकट जारी हो पाएगा. तत्काल टिकट बुकिंग के पहले 30 मिनट केवल व्यक्तिगत ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं और स्टेशनों पर पीआरएस काउंटर से टिकट बुक करने वाले व्यक्तियों के लिए उपलब्ध होंगे. रेलवे के अनुसार ट्रैवल एजेंट और अधिकृत एजेंसियां आधे घंटे के बाद ही टिकट बुक कर सकती हैं.
यानी ट्रैवल एजेंट एसी क्लास में सुबह 10:30 बजे से और नॉन एसी के लिए सुबह 11:30 बजे के बाद ही तत्काल टिकट बुक कर सकते हैं. एसी के लिए सुबह 10:00 से 10:30 बजे तक और नॉन एसी के लिए सुबह 11:00 से सुबह 11:30 बजे तक व्यक्तिगत ऑनलाइन उपयोगकर्ता और पीआरएस काउंटर पर विंडो टिकट उपयोगकर्ताओं के लिए ही उपलब्ध रहेगी. इसके अलावा तत्काल टिकट बुकिंग के लिए गैर-आधार उपयोगकर्ता पीआरएस काउंटरों और अधिकृत ट्रैवल एजेंटों के माध्यम से टिकट बुक कर सकते हैं.
आधार के साथ ई-टिकटिंग
1. 1 जुलाई 2025 से IRCTC ऐप पर तत्काल टिकट बुकिंग केवल आधार सत्यापित आईडी से ही की जा सकेगी.
2. आधार प्रमाणीकरण के लिए ओटीपी का प्रावधान 15 जुलाई 2025 से लागू किया जाएगा.
3. यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ प्रावधान किए गए हैं कि बॉट (या अन्य सॉफ़्टवेयर साधन) वास्तविक उपयोगकर्ताओं की तुलना में तेजी से टिकट बुक करने में सक्षम न हों.
4. मोबाइल ओटीपी के साथ विंडो टिकट बुकिंग: विंडो टिकट के लिए बुकिंग करने वाले व्यक्ति को एक मोबाइल नंबर देना होगा. इस पर सत्यापन के लिए ओटीपी भेजा जाएगा. यह प्रावधान 15 जुलाई तक लागू किया जाएगा.