
Shipki La Pass Himachal Pradesh (Photo Credit: Getty)
Shipki La Pass Himachal Pradesh (Photo Credit: Getty) हिमाचल प्रदेश कई सुंदर जगहों का घर है लेकिन कुछ जगहों पर पहुंचना आसान नहीं है. वहीं कुछ जगहों पर टूरिस्ट की आवाजाही पर मनाही भी है. हाल ही में हिमाचल प्रदेश का शिपकी ला सैलानियों के लिए खोल दिया गया है. आजादी के बाद पहली बार शिपकी ला पास को टूरिस्ट के लिए खोला गया है.
अब सैलानी हिमाचल प्रदेश की इस जगह को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं. शिपकी ला हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में आता है. शिपकी ला भारत और चीन के बार्डर पर है. सेंसटिव जोन होने की वजह से अभी तक शिपकी ला पर टूरिस्ट के आने पर प्रतिबंध था लेकिन अब इसके दरवाजे सैलानियों के लिए खोल दिए हैं.
सरकार ने हाल ही में बॉर्डर टूरिज्म की पहल की है. इसके तहत हिमाचल के शिपकी ला को लोगों के लिए खोला गया है. सरकार की इस पहल के तहत सैलानी बार्डर के इलाके को भी एक्सप्लोर कर पाएंगे. 8 जून 2025 से शिपकी ला को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. शिपकी ला को सैलानियों के लिए खोल दिया गया है. हालांकि, इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं. आइए शिपकी ला के बारे में सब कुछ जानते हैं.
शिपकी ला कहां है?
शिपकी ला हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में पड़ता है. ये जगह हिमाचल की राजधानी शिमला से लगभग 350 किमी. दूर है. शिपकी ला लाहौल-स्पीति से बेहद पास है. इंडो-तिब्बत बॉर्डर पर स्थित शिपकी ला समुद्र तल 3,930 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. शिपकी ला पास को पहले पेमा ला के नाम से भी जाना जाता था. शिपकी ला एक मोटरेबल पास है. ये जगह अपने इतिहास और कल्चर के लिए जानी जाती है.
आज किन्नौर ज़िला के सीमावर्ती क्षेत्र शिपकी-ला में सीमा पर्यटन गतिविधियों का शुभारम्भ किया।
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) June 10, 2025
सीमा पर्यटन गतिविधियों के आरम्भ होने से पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय लोगों की आर्थिकी भी सशक्त होगी। राज्य सरकार ने रक्षा मंत्रालय से सीमावर्ती क्षेत्र लेपचा, शिपकी-ला, गिऊ और रानी कंडा में… pic.twitter.com/685mhwD4jY
चीन से जुड़ा है इतिहास
शिपकी ला भारत के सबसे ऊंचे माउंटेन पास में से एक है. शिपकी ला में आईटीबीपी (ITBP) तैनात है. इसके अलावा सेना की बिहार रेजिमेंट LAC पर तैनात है. शिपकी ला से तिब्बत सिर्फ 500 मीटर दूर है. आजादी के बाद इस रूट पर भारत और तिब्बत के बीच में व्यापार हुआ करता था. 1962 में हुए इंडो-चाइना वॉर के बाद ट्रेड बंद हो गया. इसके बाद इस रूट पर कोई व्यापार नहीं होता है.
शिपकी बॉर्डर पर तिब्बत का पहला गांव है. इसलिए इसे शिपकी ला के नाम से जाना जाता है. शिपकी ला पास के जरिए सरकार फिर से ट्रेड करने की उम्मीद कर रही है. ये रूट कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए भी काफी अहम हो सकता है. यहां से दिल्ली से कैलाश मानसरोवर की यात्रा में 14 दिन कम हो जाएंगे. इस रूट के लिए दोनों देश किन्नौर और तिब्बत के बौद्ध हेरिटेज में टूरिज्म में बढ़ावा दे सकते हैं.
क्या हैं नए नियम?
सरकार ने शिपकी ला को पर्यटकों के लिए खोल दिया है. अब इस जगह पर जाने के लिए सैलानियों को किसी भी तरह का परमिट नहीं लेना पड़ेगा. सिर्फ आधार कार्ड के जरिए पर्यटक इस जगह तक पहुंच सकते हैं. हिमाचल के इस छोर का सबसे अंतिम गांव नमज्ञा है. ये गांव शिपकी ला 27 किमी. है. एक दिन में शिपकी ला सिर्फ 50 लोग ही जाएंगे. खास बात ये है कि सिर्फ भारतीय व्यक्ति ही शिपकी ला जा सकते हैं. किसी भी विदेशी शख्स को हिमाचल की इस जगह पर जाने की अनुमति नहीं है.

शिपकी ला के पहले दोगरी-नमज्ञा चेक पोस्ट पड़ेगा. यहां पर भारतीय सेना सैलानियों को टोकन देगी. टोकन लेने के लिए आधार कार्ड बहुत जरूरी है. इस चेक पोस्ट से एक बार में 20 सैलानी ही शिपकी ला तक जाएंगे. जब वो 20 लोग शिपकी ला पास से चेक पोस्ट पर आ जाएंगे. तब अगले 20 लोगों को आगे जाने की परमिशन मिलेगी. ये सारा काम भारतीय सेना की देखरेख में होगा. शिपकी ला में सैलानियों को रात में ठहरने की परमिशन नहीं है.
क्या-क्या देखें?
शिपकी ला हिमाचल प्रदेश की सबसे ऑफबीट जगह है. आजादी के बाद पहली बार ये जगब भारतीय सैलानियों के लिए खुली है. इस वजह से ये जगह काफी खास है. इसके अलावा शिपकी भारत का सबसे ऊंचा पास है. यहां से बर्फ से ढंके पहाड़ दिखाई देंगे. शिपकी ला पर इंदिरा प्वाइंट है. जब इंदिरा गांधी एलएएसी (LAC) आईं थी, तब बनवाया गया था.
शिपकी ला पास से तिब्बत के शिपका ला गांव को देखा जा सकता है. इसके अलावा भारत और चीन का बार्डर कैसा होता है, इसे भी टूरिस्ट बेहद पास से देख पाएंगे. शिपकी ला पास से इंडो-तिब्बत बार्डर सिर्फ 300 मीटर दूर है. ITBP शिपकी ला में कैफेटिरया बनाने की तैयारी कर रही है. यहां पर सैलानी कुछ देर रूक कर चाय-पानी पी सकेंगे.
कैसे पहुंचें?
शिपकी ला पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको हिमाचल की राजधानी शिमला पहुंचना होगा. दिल्ली से कुछ घंटों की यात्रा के बाद शिमला पहुंच जाएंगे. शिपकी ला शिमला से लगभग 350 किमी. दूर है. शिमला से रामपुर बुशहर होते हुए रिकॉन्गपिओ पहुंचिए. रिकॉन्गपिओ किन्नौर का जिला मुख्यालय है. रिकॉन्गपिओ से नाको की तरफ आगे बढ़िए. रास्ते में खाब ब्रिज पड़ता है. उस ब्रिज से दो किमी. पहले एक रास्ता दाहिने तरफ जाता है. इसी रास्ते पर आगे बढ़ेंगे तो 30 किमी. दूर शिपकी ला पहुंच जाएंगे. हिमाचल में अगर किसी ऑफबीट जगह पर जाने का मन हो तो इस जगह पर आने का प्लान बना सकते हैं.